ज्ञानेश्वरी ट्रेन दुर्घटना का संदिग्ध महतो मारा गया
२७ अगस्त २०१०सीआरपीएफ सैनिकों को सूचना मिली थी कि महतो कुछ लोगों के साथ मोहनपुर के पास लोधासुली जंगल में छिपा हुआ है.ये सूचना मिलने के बाद सीआरपीएफ और कोबरा के साथ पुलिस का एक दल सुबह एक बजे इस इलाके में पहुंचा.
घिर जाने के बाद महतो और उसके दल ने गोलीबारी शुरू की. इसके जवाब में सुरक्षाकर्मियों ने भी गोली चलाई. एनकाउंटर सुबह पांच बजे तक जारी रहा. सुरक्षाकर्मियों के दल का नेतृत्व एएसपी मुकेश कुमार कर रहे थे.
गोलीबारी खत्म होने के बाद सुरक्षा बल इस जंगल में घुसे जहां उन्हें महतो का शव मिला.
ज्ञानेश्वरी ट्रेन एक्सीडेंट के मामले में महतो की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी. उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था.
पश्चिमी मिदनापुर में 28 मई की रात तेज रफ्तार ट्रेन ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए. थोड़ी देर बाद दूसरी ओर से आती मालगाड़ी ने ट्रेन की पांच बोगियों को टक्कर मारी, जिसके चलते हादसा और भीषण हो गया. इस दुर्घटना में 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई.
पुलिस का कहना था कि फिश प्लेट हटाए जाने के कारण ये दुर्घटना हुई. इस दुर्घटना के लिए माओवादियों के समर्थन वाले पीसीपीए संगठन को जिम्मेदार माना जा रहा था. बापी महतो को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिसके बाद उसे सीबीआई के हवाले कर दिया गया. पुलिस का संदेह असित महतो और उमांकात महतो पर भी था. असित महतो को पुलिस ने अभी गिरफ्तार नहीं किया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम