टीम इंडिया में और अनुशासन चाहते हैं धोनी
१ जनवरी २०११भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच रविवार से केपटाउन में खेला जाएगा. दोनों टीमें एक एक मैच जीत चुकी हैं और तीसरा टेस्ट ही सीरीज का रुख तय करेगा. डरबन टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका को भारत ने 87 रन से हराया. इससे पहले सेंचुरियन टेस्ट में भारत एक पारी और 25 रन से हार गया था.
तीसरे टेस्ट की अहमियत को समझते हुए धोनी अपने खिलाड़ियों को संदेश देना चाह रहे हैं. वह कहते हैं, "हमारे गेंदबाजों, बल्लेबाजों और क्षेत्ररक्षकों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना पड़ेगा और तभी हम टेस्ट मैच जीतने में कामयाब हो पाएंगे. इस तरह की विकेटों पर खेलने का हमें ज्यादा अनुभव नहीं है इसलिए यह एक बड़ी चुनौती है. हम जानते हैं कि हमेशा परिणाम हमारे पक्ष में नहीं जाएगा. आखिरी बार यहां हमने 2006 में ही जीत हासिल की इसलिए हर कोई अच्छा प्रदर्शन करना चाहता है."
धोनी के मुताबिक दूसरे टेस्ट में मिली जीत से टीम के आत्मविश्वास को जबरदस्त मजबूती मिली है. "जब भी हम कोई टेस्ट हारते हैं तो खिलाड़ियों पर मनोवैज्ञानिक रूप से इसका बड़ा प्रभाव पड़ता है. विपक्षी टीम के 20 विकेट झटकना हमारे लिए चिंता की बात थी लेकिन गेंदबाजों ने डरबन में अच्छा खेल दिखाया."
केपटाउन की पिच बल्लेबाजों के लिए मुफीद मानी जा रही है और पहले दो टेस्ट मैचों की तुलना में वहां बल्लेबाजों को आसानी होगी. माना जा रहा है कि केपटाउन में खिलाड़ी बड़ा स्कोर करने में कामयाब होंगे. केपटाउन में खेले गए 21 में से 14 टेस्ट मैचों में दक्षिण अफ्रीका ने जीत हासिल की है और तीन में उसे हार का सामना करना पड़ा है. तीनों मैच उसे ऑस्ट्रेलिया ने हराए हैं. दक्षिण अफ्रीका ने भारत को दो बार केपटाउन में पटखनी दी है.
वैसे धोनी इस बात से परेशान हैं कि उन्हें टॉस जीतने का मौका नहीं मिलता. वह कहते हैं, "इस मामले में मेरा प्रदर्शन स्थायित्व भरा है कि मैं टॉस हार जाता हूं. कई बार यह मुश्किल हो जाता है. अगर आप टॉस जीतते हैं तो गेंदबाजों के लिए विकेट से फायदा उठाने का मौका रहता है." वैसे धोनी अगर टॉस हारने के बावजूद मैच जीत जाएं तो शायद उन्हें इतनी शिकायत नहीं होगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार