टूट रहा है अमेरिका के सब्र का बांध: पैनेटा
७ जून २०१२वॉशिंगटन के इस्लामाबाद के साथ चल रहे तनाव के बीच यह किसी उच्च अमेरिकी अधिकारी द्वारा दिया गया सबसे कड़ा बयान है. अमेरिका लम्बे समय से पाकिस्तान से मांग करता आया है की वह आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाए. राजधानी काबुल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान में तब तक शांति स्थापित नहीं की जा सकती जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता रहेगा." पाकिस्तान के लिए अपना रुख साफ करते हुए उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के लिए अब कदम उठाना बहुत जरूरी हो गया है. पाकिस्तान का उन्हें पनाह देना, यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है और अब हम अपने सब्र की सीमा तक पहुंच गए हैं."
पिछले एक साल से रक्षा मंत्रालय संभाल रहे पैनेटा भारत के बाद अफगानिस्तान पहुंचे हैं. भारत की तरह अफगानिस्तान में भी उन्होंने पाकिस्तान पर चर्चा की, लेकिन हैरानी की बात है कि उन्होंने अपने दौरे में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया. पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में पिछले दो साल से कड़वाहट बढ़ती जा रही है. ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मार गिराए जाने के बाद रिश्ते और भी तनावपूर्ण हो गए. हाल ही में पाकिस्तान में बिन लादेन को पकड़वाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की मदद करने वाले डॉक्टर को 33 साल कैद की सजा दी गई. अमेरिका इस सजा से काफी नाराज दिखा.
साथ ही पाकिस्तान में अमेरिका द्वारा किए जा रहे ड्रोन हमलों से भी पाकिस्तान नाखुश दिख रहा है. वहीं अफगानिस्तान में बुधवार को नाटो द्वारा किए गए एक हमले में 18 नागरिकों की जान चली गई. हादसे की निंदा करते हुए अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा, "नाटो के हमलों को, जिनमें नागरिकों की जान और माल का नुकसान होता है, उन्हें किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता और ना ही उन्हें स्वीकारा नहीं जा सकता है."
अफगानिस्तान में अमेरिका के एक लाख तीस हजार सैनिक हैं. 2014 के अंत तक अमेरिका अपनी सेनाओं को वापस बुला लेना चाहता है. ऐसे में पाकिस्तान का सहयोग अमेरिका के लिए जरूरी है.
पैनेटा ने कहा की अमेरिका ने अफगानिस्तान के लिए एक बेहतरीन योजना तैयार की है और अफगानिस्तान में लोगों को सेनाओं की वापसी को लेकर चिंतित होने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है. अमेरिका सेनाओं को वापस बुलाने से पहले अफगान सेना को तालिबान से लड़ने के लिए तैयार कर के जाना चाहता है. पैनेटा ने कहा की लोगों को समझना होगा की "हम कहीं नहीं जा रहे हैं."
पैनेटा ने यह भी कहा की आने वाला समय अमेरिका और अफगानिस्तान के लिए आसान नहीं होगा, "हमने जंग में बहुत लोगों को खोया है.. हमें यह सुनिश्चित करना होगा की उनकी जानें व्यर्थ ही नहीं गई हैं." काबुल हवाई अड्डे पर सैनिकों से बात करते हुए पैनेटा ने कहा, "आपके बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगे."
अफगानिस्तान दौरे पर पैनेटा नाटो सेनाओं के कमांडर जनरल जॉन एलन और काबुल में अमेरिकी राजदूत रायन क्रॉकर से मिले. इनके अलावा वह अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वरदक से भी मिले.
आईबी/एएम (एएफपी,रॉयटर्स)