टेनिस कोर्ट पर चीख पुकार से परेशान डब्ल्यूटीए
२४ जनवरी २०१२बॉल को हिट करते समय मारिया शारापोवा की चीख उनके एक प्रतिद्वंदी को "गुस्सा दिलाने वाली" और "जरूरत से ज्यादा तेज" लगती है. इसी तरह एजनिएस्का राड्वांस्का ने विक्टोरिया अजारेंका से हारने के बाद उनकी चीखों की आलोचना की. टेनिस के टूर आयोजित करने वाली संस्था डबल्यूटीए का कहना है कि वो कोर्ट पर खिलाड़ियों की चीख पुकार कम करने के तरीके ढूंढ रही है. नियम के मुताबिक अंपायर किसी खिलाड़ी को परेशान करने वाली जान बूझ कर की गई हरकतों के लिए सजा दे सकता है लेकिन शोर शराबे के मामले में यह नियम शायद ही कभी इस्तेमाल होता है.
राड्वांस्का ने कहा, "निश्चित रूप से हर कोई थोड़ा बहुत शोर कर सकता है. यह टेनिस है. लेकिन मुझे लगता है कि यह बहुत तेज है. मुझे नहीं लगता कि उतनी जोर से चीखना बहुत जरूरी है. इसलिए अगर वो(डबल्यूटीए) कुछ करना चाहते हैं, तो क्यों नहीं? मेलबर्न में अजारेंका की मैचों के दौरान दर्शकों के बीच मौजूद कुछ लोग भी उसकी अजीबोगरीब चीखों की नकल करते हैं. ऑस्ट्रेलियाई टीवी चैनल 7 इसे व्हू मीटर नाम दिया है और मंगलवार को उनकी चीख तीव्रता 91.4 डेसीबल मापी गई.
महिलाओं के टेनिस मुकाबलों में इस तरह की चीख पुकारें कोई नई बात नहीं यह तो 1990 के दशक में मोनिका सेलेस के जमाने या फिर उससे पहले से ही चला आ रहा है. नंबर एक रैंकिंग वाली कैरोलाइन वोजनियाकी ने अक्टूबर में कहा कि उन्हें लगता है, "कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो जान बूझ कर किसी मकसद से यह करते हैं."
डब्ल्यूटीए ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि उसे पता है कि कुछ दर्शकों को इससे परेशानी हो रही है. बयान में कहा गया है, "हम बहुत ज्यादा चीख पुकार को कम करने के प्रक्रिया पर काम कर रहे हैं. खासतौर से युवा खिलाड़ियों के लिए जिन्होंने अभी शुरुआत की है उनके लिए इस तरह से कुछ करना होगा कि उनके खेल पर असर पड़े बिना उन्हें नियम और प्रक्रिया के हिसाब से खेलने की ट्रेनिंग दी जाए."
पहली बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली अजारेंका का कहना है कि जब वो बड़ी हो रही थी और उन्हें अपने शॉट मारने के लिए अतिरिक्त ताकत की जरूरत होती थी तब उन्हें चीखने की आदत पड़ने लगी. 22 साल की बेलारुसी स्टार अजारेंका को नहीं लगता कि केवल वो और शारापोवा ही चीखती हैं उन्होंने कहा, "मैं दूसरों के बारे में तो नहीं कह सकती लेकिन अपने बारे में मैं जानती हूं कि यह मेरा तरीका है और मैं इसी तरीके से खेलती हूं. अगर आप थोड़ा अंदर जाना चाहते हैं तो मेरा ख्याल है कि इस तरह से मुझे थोड़ी सांस मिलती है और मैं हरकत में आती हूं और यह मेरी हरकतों का हिस्सा है."
17वीं खिताब की दौड़ में फेडरर
2.6 करोड़ डॉलर की इनामी रकम वाले ऑस्ट्रेलियाई ओपन में रोजर फेडरर अर्जेंटीना के जुयान मार्टिन डेल पोर्तो को 6-4, 6-3, 6-2 से हरा कर सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं. फेडरर अगर यहां खिताब जीतने में कामयाब होते हैं तो यह उनका 17वां ग्रैंड स्लैम होगा जो छठी बार मेलबर्न के मैदान से निकलेगा. इस मैच जीत के साथ ही फेडरर टेनिस के 1,000 मैच खेलने वाले खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं. इस साल के ऑस्ट्रेलियाई ओपन में सेमीफाइनल में सबसे पहला कदम उन्होंने ही रखा है.
उधर भारत की सानिया मिर्जा और रूस की एलेना वेस्नी ने लिजेल हूबर और लीसा रेमेंड की जोड़ी को हरा दिया है. महिलाओं के सिगल्स मुकाबले में नंबर एक कैरोलीन वोजनियाकी, किम क्लाइस्टर्स से क्वार्टर फाइनल में हार गई हैं. इस हार के बाद अब उनसे नंबर एक की रैंकिंग भी छिन जाएगी. वोजनियाकी ने कहा है कि वो साल के अंत तक नंबर एक रैंकिंग फिर से हासिल कर लेंगी. वैसे वोजनियाकी का पहली रैंकिंग पर होना हमेशा से ही चर्चा का विषय रहता है क्योंकि उन्होंने अब तक कोई ग्रैंड स्लैम नहीं जीता है.
रिपोर्टः एएफपी,रॉयटर्स/एन रंजन
संपादनः ओ सिंह