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टेलीकॉम घोटालाः लोक लेखा समिति के सामने टाटा

४ अप्रैल २०११

टेलीकॉम घोटाले के मामले में मशहूर भारतीय उद्योगपति रतन टाटा से लोक लेखा समिति पूछताछ कर रही है. हाल में हुए घोटालों सहित कई अरब डॉलर के टेलीकॉम घोटाले ने भारत सरकार की विश्वसनीयता को कटघरे में खड़ा किया.

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तस्वीर: UNI

दो ही दिन पहले पुलिस ने इस केस में पहले आरोप लगाए हैं. इसमें एक पूर्व मंत्री, रिलायंस एडीए ग्रुप की एक युनिट और एटिसलाट सहित टेलीनोर कंपनी के भारतीय पार्टनरों को आरोपी बताया है.

इस केस में न तो टाटा को और न ही उनकी टेलीकॉम कंपनी टाटा टेली सर्विसेस को आरोपी बताया गया है. लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि 2007 में रेडियो स्पेक्ट्रम देने के लिए जो नीतियां बदली गईं, उससे टाटा की कंपनी को भी फायदा हुआ. टाटा ने इस बात का खंडन किया है कि उन्हें किसी तरह का अतिरिक्त लाभ इससे मिला.

टेलीकॉम घोटाला भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है और इस कारण भारत के प्रधानमंत्री और यूपीए सरकार की विश्वसनीयता को भी भारी नुकसान हुआ है.

पिछले संसद सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर ठन गई थी कि घोटालों की जांच के लिए संसदीय समिति का गठन किया जाए या नहीं. इसी स्कैंडल के कारण कई आदेशों को या तो बदल दिया गया या फिर उनकी जांच के आदेश दिए गए.

Ehemaliger Telekommunikationsminister Indiens Andimuthu Raja
गिरफ्तार ए राजातस्वीर: picture-alliance/dpa

शनिवार को रिलायंस कम्यूनिकेशन्स, डीबी रिएल्टी और यूनिटेक की जिन युनिट्स पर आरोप लगाए गए उन सभी के शेयर सोमवार को बाजार में गिर गए.

पूर्व टेलीकॉम मंत्री अंडीमुथु राजा पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उन पर शनिवार को अपने पद के दुरुपयोग, धोखेबाजी और आपराधिक षडयंत्र करने के आरोप लगाया गया है.

टाटा ने पहले राजा का समर्थन किया था और नीति में बदलाव को सही बताया था. टाटा के मुताबिक नई नीति के कारण मजबूत संघ टूटा है जो प्रतियोगिता को कम कर रहा था.

टाटा के पीएसी के सामने पेश होने से पहले नीरा राडिया से पूछताछ की जा रही है जो टाटा ग्रुप कंपनियों और टाटा का प्रतिनिधित्व करती हैं.

कई अरब का नुकसान

2008 में 2जी फोन की लाइसेंसिंग के दौरान भारत को कम से कम 39 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. इतना धन सामान्य तौर पर भारत के रक्षा बजट में लगाया जाता है. पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) टाटा से पूछताछ करेगी. इस कमेटी की अध्यक्षता विपक्षी पार्टी बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी कर रहे हैं.

मंगलवार को रिलायंस एडीए ग्रुप के अनिल अंबानी पैनल के सामने पेश होंगे. पीएसी के अलावा संसदीय समिति भी इस घोटाले की जांच कर रही है.

पुलिस की जांच पर सर्वोच्च न्यायालय की नजर है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री सिंह को मंत्री के खिलाफ तेजी से कार्रवाई नहीं करने पर फटकार लगाई थी. टेलीकॉम घोटाले के साथ ही 2010 कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन में घोटाले, कॉर्पोरेट कर्ज देने के मामले में बैंक अधिकारियों के रिश्वत लेने के मामलों ने सरकार की बखिया उधेड़ के रख दी.

इन घोटालों का नुकसान कांग्रेस पार्टी को अप्रैल और मई के दौरान पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में उठाना पड़ सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः उ. भ.