डबल्स में सोमदेव-सनम की जोड़ी को स्वर्ण
२३ नवम्बर २०१०सोमदेव देववर्मन के लिए सोमवार बेहद भाग्यशाली साबित हुआ. पहले तो सिंगल्स मुकाबलों के सेमीफाइनल में जापान के तातासुमा इतो को 6-2, 0-6, 6-3 से हरा कर उन्होंने फाइनल में जगह बनाई जहां उनका मुकाबला उजबेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन से होगा. फिर डबल्स में सनम सिंह के साथ सोमदेव ने भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता.
छठी वरीयता प्राप्त सोमदेव और सनम ने दूसरी वरीयता वाली चीन के गोंग माओशिन और ली झे की जोड़ी को 6-3, 6-7 और 10-8 से हरा दिया. सोमदेव और सनम का भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतना बेहद मायने रखता है क्योंकि लिएंडर पेस और महेश भूपति जैसे स्टार खिलाड़ियों के बिना उतरा भारत किसी चमत्कार की ही उम्मीद कर रहा था. रोहन बोपन्ना भी भारतीय टीम से बाहर हैं.
सोमदेव ने स्वर्ण को अपने कब्जे में कर लिया जबकि दूसरे के लिए उन्हें अभी मैच खेलना है. लेकिन सानिया मिर्जा को थोड़ी निराशा जरूर हुई. सानिया और विष्णु वर्धन की जोड़ी मिक्सड डबल्स के फाइनल मुकाबले में ताइपे के चान यूंग जान और यांग त्सुंग हुआ 6-4, 1-6, 2-10 से हार गई.
रविवार को महिला सिंगल मुकाबलों में सानिया मिर्जा को कांस्य पदक हासिल हुआ. इससे पहले 2006 दोहा एशियाई खेलों में उन्हें रजत पदक मिला था और मिक्सड डबल्स में लिएंडर पेस के साथ उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था. सोमदेव देववर्मन कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक विजेता रह चुके हैं और सिंगल्स में भी उनसे उम्मीदें हैं.
सोमदेव से पहले कोई भी भारतीय पुरुष एकल के फाइनल मुकाबले में नहीं पहुंच पाया था और भारत अब तक एशियाड में टेनिस में तीन कांस्य पदक ही जीत पाया है. लिएंडर पेस ने 1994 में हिरोशिमा में कांस्य जीता जबकि 1998 में महेश भूपति और प्रह्लाद श्रीनाथ ने बैंकॉक एशियाई खेलों में जीत हासिल की थी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा