डरबन में भारत की 87 रन से ऐतिहासिक जीत
२९ दिसम्बर २०१०दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रेम स्मिथ ने जिस तरह से दूसरी पारी की शुरुआत की थी, मैच बड़ा रोमांचक हो उठा था. जब सिर्फ 300 रन का पीछा किया जाए, तो पहले विकेट के लिए 70 रन मामूली नहीं होते. लेकिन उनके आउट होने के बाद भारत की स्थिति थोड़ी बेहतर हो गई.
तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक दक्षिण अफ्रीकी टीम ने तीन विकेट पर 111 रन बना लिए थे और मुकाबला बराबरी का लग रहा था. लेकिन चौथे दिन का खेल शुरू होने के साथ ही श्रीसंत की गेंद पर कैलिस आउट हो गए और मैच में भारत का पलड़ा भारी हो गया.
इसके बाद लगातार दो एलबीडब्लू फैसलों ने दक्षिण अफ्रीकी टीम की हालत खराब कर दी. बारीकी से देखने पर दोनों फैसले ठीक नहीं लगे लेकिन अंगुली तो उठ चुकी थी. मार्क बाउचर और एबी डिविलियर्स आउट हो चुके थे. देखते ही देखते टीम के छह विकेट गिर गए और ग्रेम स्मिथ की टीम दबाव में दिखने लगी.
हरभजन सिंह की लहराती गेंदों के साथ जहीर की तेज बॉलिंग ने अच्छा समां बांधा और दोनों ने भारत की जीत की नींव पक्की कर दी. दोनों ने बारी बारी से विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया के आठ विकेट 182 रन पर गिर गए.
हालांकि इसके बाद मोर्केल और प्रिंस ने भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए थोड़ी मुश्किलें खड़ी कर दीं लेकिन आखिरकार भारत को उनसे भी छुटकारा मिल ही गया, जब मोर्केल को इशांत शर्मा ने आउट कर दिया. इन दोनों ने नौवें विकेट के लिए 33 रन बनाए. इस तरह दक्षिण अफ्रीका की पूरी पारी 215 रन पर सिमट गई और भारत ने यह मैच 87 रन से जीत लिया.
इस जीत के साथ ही भारत ने तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली. अब दोनों टीमों के बीच तीसरा और निर्णायक टेस्ट मैच केप टाउन में दो जनवरी से शुरू होगा. भारत दुनिया की पहले नंबर की टेस्ट टीम है, जबकि दक्षिण अफ्रीका दूसरे नंबर पर है. अगले मैच के नतीजे से नंबरों की अदला बदली भी हो सकती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ए कुमार