ताइवान में सेक्स के व्यापार बनाने की तैयारी
१५ अक्टूबर २०१०ताइवान में सेक्स ट्रेड को लेकर काफी वक्त से माथापच्ची हो रही है. फिलहाल वहां यह गैरकानूनी है. हालांकि कानून कुछ इस तरह का है कि उसके मुताबिक सेक्स वर्करों को ही सजा दी जाती है और उनके ग्राहक साफ बच निकलते हैं. इसलिए इस कानून की काफी आलोचना होती है. हालात को बेहतर बनाने के लिए सरकार कई विकल्पों पर विचार करती रही है. इन्हीं में से एक विकल्प विशेष सेक्स जोन बनाने का भी रहा ताकि इस व्यापार को नियमित किया जा सके.
सेक्स ट्रेड पर मौजूदा कानून 2011 के आखिर में खत्म हो जाएगा. इसलिए गृह मंत्रालय ने नए नियमों का प्रस्ताव रखा है. इनके तहत सेक्स वर्कर अकेले ही या फिर तीन या पांच सेक्स वर्कर मिलकर छोटे चकलाघर बना पाएंगे.
हालांकि सरकार ने साफ किया है कि देश में रेड लाइट क्षेत्र नहीं बनाया जाएगा और इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा कि बड़ी कंपनियों को इस व्यापार में आने की इजाजत न दी जाए. इस योजना के विरोधियों का कहना है कि यह कदम सेक्स ट्रेड को नियमित उद्योग बना देगा.
मंत्रालय का कहना है कि वह अपना प्रस्ताव कैबिनेट की मानव अधिकार समिति को सौंपेगा. इस साल के आखिर तक प्रस्ताव के सौंपने से पहले मंत्रालय लोगों से उनकी प्रतिक्रियाएं मंगा रहा है. गृह मंत्रालय ने फरवरी में एक सर्वेक्षण कराया था जिसके नतीजों के मुताबिक ज्यादातर ताइवानी लोगों ने कहा कि वे विशेष सेक्स जोन बनाए जाने के पक्ष में हैं.
मौजूदा कानूनों के मुताबिक अगर कोई सेक्स वर्कर पकड़ी जाती है तो उसे तीन दिन की कैद या 30 हजार ताइवान डॉलर (करीब 950 अमेरिकी डॉलर) का जुर्माना हो सकता है. लेकिन उनके ग्राहकों को कोई सजा नहीं होती. हालांकि ताइवान में सेक्स उद्योग के आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं लेकिन जानकारों का अनुमान है कि लाखों लोग इस व्यापार का हिस्सा हैं और यह व्यापार 60 अरब ताइवान डॉलर का है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः महेश झा