तासीर की हत्या ईशनिंदा से जुड़ी हैः मलिक
४ जनवरी २०११मलिक ने बताया कि राजधानी इस्लामाबाद में तासीर की हत्या करने वाला उन्हीं का अंगरक्षक था. उन्होंने बताया, "हत्यारे ने मान लिया है कि उसने गवर्नर की हत्या इसलिए की क्योंकि उन्होंने ईशनिंदा कानून को काला कानून कहा था. उसने अपना जुर्म मान लिया है और हमले के बाद अपनी बंदूक पुलिस को सौंप दी है."
तासीर सत्ताधारी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सबसे उदारवादी नेताओं में गिने जाते थे. वह तालिबान और दूसरे इस्लामी चरमपंथियों का भी खुल कर विरोध करते थे. हाल में ईशनिंदा कानून का विरोध करने के लिए वह सुर्खियों में रहे. मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि धार्मिक चरमपंथी अकसर इस कानून का दुरुपयोग करते हैं. इस्लामी कट्टरपंथी इस कानून में बदलाव या इसे खत्म कर देने की सरकार की कोशिशों से खासे नाराज हैं.
सलमान तासीर की हत्या ऐसे समय में हुई है जब एमक्यूएम के समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की सरकार अल्पमत में आ गई है और देश में राजनीतिक उथल पुथल मची है. एक चश्मदीद ने बताया कि तासीर अपनी गाड़ी से उतर रहे थे कि तभी उन पर एक बाद एक कई गोलियां दागी गईं. अली इमरान नाम के व्यक्ति ने बताया, "गवर्नर नीचे गिर गए और जिस आदमी ने उन पर गोलियां चलाईं उसने अपनी बंदूक फेंक दी और दोनों हाथ ऊपर उठा लिए." यह घटना राजधानी इस्लामाबाद के कोहसर शॉपिंग सेंटर की पार्किंग के पास की है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया. उनके दफ्तर से जारी एक बयान में कहा गया है, "पंजाब के गवर्नर की हत्या के कारण राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे." तासीर दोपहर खाने के वक्त अपने घर से निकलकर पास के बाजार में जा रहे थे जो विदेशी सैलानियों की पसंदीदा जगह है. वह पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेहद करीबी लोगों में गिने जाते थे और पंजाब में बढ़ रही आतंकवादी गतिविधियों की खुलकर निंदा करते थे.
सलमान तासीर का भारत से भी नाता रहा है. 1970 के दशक में वह भारत की मशहूर लेखिका तवलीन सिंह के संपर्क में आए. उन दोनों का एक बेटा भी है. हालांकि सलमान तासीर इस दौरान शादीशुदा थे. तासीर भुट्टो परिवार के बेहद करीबी लोगों में गिने जाते थे और उन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो की आत्मकथा भी लिखी. दो साल पहले 2008 में उन्हें पंजाब का गवर्नर बनाया गया. हालांकि इस दौरान वह कुछ विवादों में भी फंसे.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार/ ओ सिंह
संपादनः ओ सिंह