तीन यात्रियों के साथ गागरीन अंतरिक्ष यान रवाना
५ अप्रैल २०११कजाखस्तान के बाइकोनुर कॉस्मोड्रोम के मुख्य लॉन्चपैड से सोयूज कैप्सूल इन यात्रियों को लेकर रवाना हुआ. यह वही लॉन्च पैड है जहां से 50 साल पहले 12 अप्रैल को यूरी गागरीन ऐतिहासिक सफर पर रवाना हुए थे. तड़के रवाना हुआ यान कजाखस्तान के साफ आकाश में तेज रोशनी का दायरा छोड़ता हुआ बड़ी शान से अपने सफर पर रवाना हुआ.
यान पर दो रूसी और एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सवार है. इस मिशन को यूरी गागरीन के ऐतिहासिक मिशन को समर्पित किया गया है. मिशन ने सोवियत यूनियन को शीत युद्ध में अमेरिका के खिलाफ बड़ी रणनीतिक विजय दिलाई थी. यात्रियों को ले जाने वाले सोयूज कैप्सूल का नाम भी एक अंतरिक्ष यात्री के नाम पर ही रखा गया.
अलेक्जेंडर पहली बार
मिशन कंट्रोल ने क्रू के सदस्यों को बताया कि उड़ान सामान्य है. क्रू के सदस्यों की तस्वीरें कैमरे के जरिए नियंत्रण केंद्र तक पहुंच रही थीं. यान में सवार रूसी यात्री अलेक्जेंडर सामोकुटयाएव और आंद्रेई बोरिसेन्को पहली बार अंतरिक्ष के सफर पर निकले हैं जबकि अमेरिकी यात्री रोनाल्ड गैरन का यह दूसरा मिशन है. वह इससे पहले 2008 में डिस्कवरी की उड़ान में भी शामिल थे. रवाना होने के बाद कमांडर सामोकुटयाएव ने कहा, "हम अच्छा महसूस कर रहे हैं." रूसी स्पेस एजेंसी के प्रमुख अनातोली पेर्मिनोव ने यात्रियों को सफलता के लिए शुभकामानाएं दीं.
सोयूज कैप्सूल सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया. उम्मीद की जा रही है कि यह दो दिन के सफर के बाद अंतरिक्ष स्टेशन के साथ भारतीय समय के मुताबिक गुरुवार सुबह चार बजकर 28 मिनट पर जुड़ जाएगा. यह मिशन मानवयुक्त अंतरिक्ष यात्रा के 50 वर्ष पूरे होने पर मनाए जा रहे उत्सवों में सबसे प्रमुख है. हालांकि ऐसी आशंकाएं भी बनने लगी थीं कि यान 50 साल पूरे होने की तारीख से पहले अंतरिक्ष में नहीं पहुंच पाएगा क्योंकि मौसम की खराबी के कारण इसकी असली उड़ान की तारीख को टालना पड़ा. पहले यह 30 मार्च को रवाना होने वाला था.
तगड़े सुरक्षा इंतजाम
रूस के सरकारी टेलिविजन ने कहा है कि क्रू के सदस्य अपने साथ 50 साल पहले की एक रेडियो रिकॉर्डिंग भी ले गए हैं. इसमें यूरी गागरीन और मुख्य सोवियत रॉकेट डिजाइनर सर्गेई कोरोल्योव के बीच 50 साल पहले अंतरिक्ष से हुई बातचीत दर्ज है. मिशन की अहमियत को देखते हुए इसके लिए हवाई सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे. 8 विमान और 12 हेलीकॉप्टरों को इस काम के लिए मुस्तैद किया गया था. गागरीन की 108 मिनट की यात्रा उनके पैराशूट के जरिए मध्य रूस के ग्रामीण इलाकों में उतरने के साथ खत्म हुई. यह मिशन तब हुआ था, जब शीत युद्ध अपने चरम पर था. लेकिन तब एक दूसरे के सामने संगीन ताने खड़े रहने वाले दुश्मन देश मौजूदा समय में एक दूसरे के साथ मिल कर अंतरिक्ष अभियानों को बढ़ावा दे रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार