तीसरी बार राष्ट्रपति बने पुतिन
७ मई २०१२अपने पहले भाषण में पुतिन ने देश के लोगों से एकता बनाए रखने की अपील की. साथ ही देश में विकास के लिए एक नया दौर लाने की भी. उन्होंने कहा, "आज हम राष्ट्रीय विकास के नए दौर में कदम रख रहे हैं. आने वाला समय रूस के भविष्य का फैसला करेगा. हमारे लाखों नागरिकों के विश्वास को उचित ठहराने के लिए मैं जो भी कर सकता हूं करूंगा. अपने देश और नागरिकों की सेवा करने को मैं अपना कर्तव्य और अपने जीवन का अर्थ मानता हूं."
शपथ लेते समय संविधान पर हाथ रख कर पुतिन ने लोगों के अधिकारों और आजादी की सुरक्षा करने की शपथ ली. लेकिन मानवाधिकारों के लिए लड़ने वाले लोगों का आरोप है कि राष्ट्रपति स्थिरता के नाम पर लोगों के अधिकारों की बलि चढ़ाते रहे हैं. पुलिस ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पुतिन का विरोध कर रहे कम से कम 120 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. कुछ सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने 400 लोगों को हिरासत में ले लिया है.
पुतिन पहले ही दो बार राष्ट्रपति बन चुके हैं. 2000 और 2004 में राष्ट्रपति बनने के बाद वह चुनाव में खड़े नहीं हो सकते थे क्योंकि रूसी संविधान सिर्फ दो बार लगातार राष्ट्रपति बनने की अनुमति देता है. तो पुतिन प्रधानमंत्री बन गए और इस साल फिर राष्ट्रपति चुनावों के लिए खड़े हुए. मेदवेदेव के राष्ट्रपति रहते हुए इस पद की अवधि बढ़ा कर चार से छह साल कर दी गई. अगर पूरे समय पुतिन सत्ता में रहते हैं तो वह अब 2018 तक राष्ट्रपति बने रहेंगे. इससे पहले लेओनिड ब्रेझनेव सबसे लंबे समय सत्ता में रहे.
सत्ता के चिपके रहने के पुतिन के प्रयासों की पश्चिमी देशों में आलोचना होती रही है. जर्मनी के पूर्व चांसलर गैरहार्ड श्रोएडर के अलावा इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुसकोनी पुतिन के प्रमुख विदेशी दोस्तों में रहे हैं. बैर्लुसकोनी तो पुतिन के जन्मदिन जैसी पार्टियों में भी हिस्सा लेते रहे हैं. शपथ समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित 3000 अतिथियों में बैर्लुसकोनी के अलावा पूर्व सोवियत राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव भी थे. उनके अलावा पूर्व राष्ट्रपति बॉरिस येल्त्सिन की विधवा नैना और चुनाव में पुतिन के खिलाफ लड़ने वाले अरबपति मिखाइल प्रोखोरोव भी मेहमानों में शामिल थे.
एएम/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)