तेल उद्योग ने तबाह किया नाइजर डेल्टा
१२ अगस्त २०११ओगोनिलैंड इलाके में दूषित पीने का पानी, सड़ते मैनग्रोव और मरी हुई मछलियां दिखना आम बात है. तेल उद्योग ने पचास साल तक अफ्रीका के इस इलाके को प्रदूषित किया है. सबसे ज्यादा पीड़ित इलाकों में ओगोनिलैंड भी शामिल है जो नाइजीरिया के दक्षिण पूर्व में है और बर्लिन शहर जितना बड़ा है.
इस इलाके में स्थित पाइपलाइनों में से ज्यादातर एंग्लो-डच कंपनी रॉयल डच शेल की हैं. हालांकि विरोध के चलते शेल ने 1993 में उत्पादन रोक दिया, लेकिन कंपनी के पुराने पड़ते ढांचे की बदौलत प्रदूषण बदस्तूर जारी है जिससे आसपास के पर्यावरण को गंभीर खतरे पैदा हो रहे हैं.
दो साल से संयुक्त राष्ट्र का पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) इस प्रदूषण से पड़ने वाले प्रभावों की छानबीन कर रहा है और अब उसने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है. रिपोर्ट कहती है कि यह उसके सबसे मुश्किल अध्ययनों में से एक है जिसमें जमीन, धरातल के पानी और भूमिगत पानी के प्रदूषित होने का जिक्र है.
यूएनईपी का कहना है कि इलाके की साफ सफाई के अभियान में 30 साल तक लग सकते हैं और यह इतिहास में इस तरह का सबसे बड़ा अभियान होगा. यूएईपी के इब्राहिम थिआव कहते हैं, "रिपोर्ट इस बात की तरफ ध्यान दिलाती है कि ओगोनिलैंड के लोगों के सामने सेहत और रोजीरोटी से जुड़ी गंभीर समस्याएं आ खड़ी हुई हैं. हालांकि ओगोनिलैंड में अब तेल उद्योग नहीं चल रहा है लेकिन खतरनाक पैमाने पर तेल का रिसाव जारी है."
काला जहर
शेल के आर्थिक सहयोग से तैयार यूएनईपी की रिपोर्ट बनाने वाली टीम ने 122 किलोमीटर तक फैली पाइपलाइनों की छानबीन की और मिट्टी, पानी और वायु के चार हजार नमूने लिए. नतीजों से पता चला कि बहुत सी जगहों पर हुई सफाई की कोशिशें अब तक दिखावटी ही रही हैं.
रिपोर्ट में उन सभी शिकायतों की पुष्टि हुई जो पर्यावरण संगठन बरसों से उठाते आए हैं. वैसे मानवाधिकार संठगन एमनेस्टी इंटरनेशनल के आउद्रे गोघरान का कहना है कि रिपोर्ट में कई हैरान करने वाली बातें भी हैं. वह कहते हैं, "इस रिपोर्ट ने वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर पुष्टि कर दी है कि नाइजर डेल्टा और ओगोनिलैंड के लोग दूषित पानी पी रहे हैं. यह प्रदूषण सिर्फ नदी और खाड़ी में नहीं है, बल्कि वह भूमिगत जल तक जा पहुंचा है."
ओगोनिलैंड इलाके में 10 समुदायों के कुओं से लिए गए पीने के पानी में हाइड्रोकार्बन की मिलावट पाई गई. रिपोर्ट में इन समस्याओं के लिए शेल और नाइजीरिया की सरकार को जिम्मेदार बताया गया है.
कौन लेगा जिम्मेदारी
यूएनईपी की सिफारिश है कि तेल उद्योग और सरकार ओगोनिलैंड में पर्यावरण की बहाली के लिए एक अरब डॉलर का कोष बनाएं. लेकिन डॉयचे वेले को दिए बयान में शेल ने इस बात से इनकार किया कि प्रदूषण उसकी वजह से हुआ है. लेकिन कंपनी अपनी गल्तियां भी मानती हैं. बयान के मुताबिक, "भले कुछ भी कारण रहे हों पर हमने अपने प्लांटों से सारा रिसाव साफ किया और जमीन को वास्तविक स्वरूप में बहाल किया."
कंपनी के बयान में प्रदूषण की कुछ और ही वजह बताई गई हैं. उसके मुताबिक, "ज्यादातर तेल रिसाव तोड़ फोड़ की गतिविधियों, चोरी और गैरकानूनी रिफाइनिंग की वजह से हुआ. हम नाइजीरिया के अधिकारियों से मांग करते हैं कि ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए जो हो सके, करें. हम भी नाइजीरिया में अपने साझीदारों के साथ काम करते रहेंगे ताकि इन समस्याओं को हल किया जा सके और फिर ओगोनिलैंड को साफ कर पाएं."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
सपादनः महेश झा