दलितों के बिना कांग्रेस नहीं रह सकती बड़ी पार्टी: चिदंबरम
१ अगस्त २०१०चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री ने कहा, "हम सब चाहते हैं कि कांग्रेस भारत में और खास कर तमिलनाडु में सबसे बड़ी पार्टी बने. लेकिन इस लक्ष्य को दलितों के बिना हासिल नहीं किया जा सकता है." इस कार्यक्रम में बीएसपी से निकाले गए के सेलवम अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए.
चिदंबरम ने कहा कि जनसंख्या में दलितों की एक बड़ी संख्या है. ऐसे में अगर उनका शोषण होता है, उन्हें अधिकार नहीं दिए जाते हैं तो फिर देश की स्वतंत्रता का कोई मतलब नहीं बनता. उन्होंने कहा, "जब भी कांग्रेस दलित मुद्दों से भटकी है या फिर दलित नेताओं ने पार्टी छोड़ी है, तो दलित समुदाय के खिलाफ अत्याचारों ने सिर उठाया है. यह सच है कि हमें भारत को समृद्ध और ताकतवर बनाने के लिए दलितों के समर्थन की जरूरत है."
गृह मंत्री ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर और जगजीवन राम जैसे नेता कांग्रेस में रह कर ही समाज में बदलाव ला सके. उन्होंने दलितों से कांग्रेस में शामिल होकर नेता बनने की अपील की. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने दलितों के मुद्दों और उनकी आकांक्षाओं को अपने स्वतंत्रता संघर्ष का हिस्सा बनाया. चिदंबरम कहते हैं, "हम उस संघर्ष को स्वीकार करते हैं, लेकिन नक्सलियों के सशस्त्र संघर्ष को स्वीकार नहीं किया जा सकता."
तमिलनाडु में पी कक्कन पहले दलित नेता थे जो राज्य कांग्रेस कार्यसमिति के मुखिया बने. इसके बाद मारागाथम चंद्रशेखर जैसे नेता भी आए. चिदंबरम ने कहा कि तमिलनाडु में भविष्य में भी कोई दलित नेता राज्य कांग्रेस का नेतृत्व कर सकता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल