दादा का दुख फूटा, कहा राजनीति नहीं की
१६ जनवरी २०११कोलकाता के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए सौरव गांगुली ने कहा कि अगर उन्होंने राजनीति की होती, तो यहां नहीं होते. गांगुली ने कहा, "काश, मैंने राजनीति की होती. मैं यहां कभी नहीं होता अगर मैंने राजनीति की होती. अपने अनुभव से मैं कह सकता हूं कि आप किसी भी क्षेत्र में हों, आप हमेशा सबसे ऊपर नहीं बने रह सकते." उन्होंने आईपीएल का नाम तो नहीं लिया, लेकिन निश्चित तौर पर उनका इशारा आईपीएल की नीलामी की तरफ ही था.
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान माने जाने वाले सौरव का कहना था, "इसलिए जब आप टॉप पर रहें, तो पारदर्शी रहें. यह नियम सब पर लागू होना चाहिए. नेतृत्व करने के साथ साथ आपको सच्चा भी होना चाहिए. हो सकता है दूसरे इसे पसंद न करें लेकिन अपने साथियों के बीच सच्चाई जरूरी है."
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद गांगुली ने आईपीएल में क्रिकेट खेलना जारी रखा लेकिन तीन साल तक कोलकाता का प्रतिनिधित्व करने के बाद शाहरुख खान ने उन्हें टीम से निकाल दिया. इसके बाद 10 टीमों में से किसी ने भी सौरव गांगुली को लेने की इच्छा नहीं जताई और दो दिनों की बोली के बावजूद सौरव गांगुली की बिक्री नहीं हो सकी. इसके बाद से कोलकाता और बंगाल के लोगों में भारी गुस्सा है और वे इसके लिए शाहरुख खान को जिम्मेदार मान रहे हैं कि उन्होंने दादा को टीम से आखिर निकाला ही क्यों.
इतने के बाद भी 38 साल के सौरव गांगुली ने हौसला नहीं हारा है. उन्होंने कहा, "आप अच्छा खेल रहे हों तो खेल से रिटायर की कोई उम्र नहीं होती है."
वनडे वर्ल्ड कप के हफ्ते भर बाद आठ अप्रैल से आईपीएल 4 शुरू हो रहा है. कोलकाता की टीम ने पहले के तीन आईपीएल में बेहद फीका प्रदर्शन किया है. इस बार गौतम गंभीर और यूसुफ पठान के साथ शाहरुख ने टीम को मजबूत करने की कोशिश की है लेकिन सौरव गांगुली के न होने की वजह से कोलकाता के कुछ हिस्सों में बड़े प्रदर्शनों की भी संभावना है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ईशा भाटिया