दुनिया का सबसे बड़ा किताब मेला शुरू
१२ अक्टूबर २०११मंगलवार शाम को जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले और आइसलैंड के राष्ट्रपति ओलाफुर रैगनैर ग्रिमसन ने मेले का उद्घाटन किया. मेले में इस बार 106 देशों के 7384 प्रदर्शक भाग ले रहे हैं जो रविवार तक चलेगा. जर्मन पुस्तक व्यापार संघ का कहना है कि इस साल प्रदर्शकों की संख्या पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम है. मेले में आने वाले अधिकतर प्रदर्शक विदेशी हैं.
पहले तीन दिन फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेला विशेष लोगों के लिए खुला होता है और सिर्फ सप्ताहांत में आम जनता के लिए खुला होता है.
पिछले साल की तरह ही इसमें करीब दो लाख अस्सी हजार लोगों के आने की उम्मीद हैं. 63वें पुस्तक मेले का मुख्य विषय किताबों का डिजिटलाइज होना है. जहां एक ओर पारंपरिक किताब उद्योग को खतरा है वहीं कुछ प्रकाशकों को इसमें लाभ दिखाई दे रहा है. लेकिन इंटरनेट में साहित्य की चोरी प्रकाशकों, लेखकों और प्रकाशन उद्योग से जुड़े लोगों की चिंता का मुख्य विषय है. जर्मन पुस्तक व्यापार संघ के प्रमुख गॉटफ्रीड होनेफेल्डर ने बताया कि करीब 60 प्रतिशत ई बुक्स अवैध तरीके से डाउनलोड की जाती हैं. "यह हमें बेचैन करता है कि नेता इसके खिलाफ कुछ नहीं कर रहे."
पुस्तक मेले के निदेशक युर्गन बूस ने कहा कि किताब उद्योग बहुत अर्थों में परिवर्तन के रास्ते पर है. "एक ओर यह प्रकाशक के जरिए लेखक और पाठक के संबंध को खत्म कर रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रकाशन का नया रास्ता दिखाई दे रहा है. बहुत कुछ बदला है. छापी हुई किताब आगे भी बनी रहेगी और उसका अर्थ खत्म नहीं होगा."
मेले के पांच दिनों के दौरान अलग अलग तीन हजार कार्यक्रम होंगे, एक हजार लेखक इसमें शामिल होंगे. इनमें उम्बेर्तो इको और पिछली बार साहित्य का नोबेल जीतने वाले मारियो वेर्गास लोसा जैसे मशहूर लेखकों के नाम लिए जा सकते हैं. पुस्तक मेले का अतिथि देश आइसलैंड है और इसके 38 लेखक पुस्तक मेले में शामिल होंगे. आइसलैंड की नई 203 किताबें भी मेले में पेश की जाएंगी.
रिपोर्ट: डीपीए/रॉयटर्स/आभा एम
संपादन: ए कुमार