दो साल बाद दिखीं नाइजीरियाई लड़कियां
१४ अप्रैल २०१६नाइजीरिया में दो साल पहले स्कूल से अगवा की गई चिबोक की सैकड़ों लड़कियों की पहली झलक एक वीडियो में दिखी बताई जा रही है. कथित तौर पर कट्टरपंथी इस्लामी संगठन बोको हराम के भेजे इस वीडियो में काले कपड़े पहने करीब 15 लड़कियां दिखाई दे रही हैं. अमेरिकी न्यूज नेटवर्क सीएनएन ने अपहरण के ठीक दो साल बाद जारी किया है. वीडियो में इन लड़कियों ने अपने नाम बताए और ये भी कि उन्हें चिबोक के स्कूल से उठाया गया था.
वीडियो में दिखाई दे रही एक लड़की बताती है कि चिबोक की सभी लड़कियां ठीक हैं. वह नाइजीरियाई प्रशासन से उन्हें उनके परिवारों से मिलाने की अपील भी करती हैं. अब तक मिली जानकारी के अनुसार वीडियो पिछले दिसंबर में बनाया गया समझा जा रहा है. उस समय नाइजीरिया की सरकार और इस्लामिक आतंकी गुट बोको हराम के बीच बातचीत हो रही थी. #BringBackOurGirls के साथ दो साल पहले शुरु हुआ सोशल मीडिया अभियान अभी भी नहीं थमा है.
सीएनएन ने बताया कि यह वीडियो किसी ऐसे शख्स ने मुहैया कराया है जो इन अगवा लड़कियों के परिवारों को उम्मीद बंधाना चाहता था. साथ ही इसे सामने लाने का मकसद सरकार को उन्हें मुक्त कराने की कोशिशें तेज करने के लिए प्रेरित करना भी था. कई अभिभावकों ने वीडियो में अपनी बेटियों को पहचाना है. राजधानी अबूजा में रैली कर सैकड़ों लोग इन बच्चियों को बोको हराम के चंगुल से निकालने के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाह रहे हैं.
हालांकि इस वीडियो को लेकर कुछ संदेह भी हैं. जैसे कि ठीक ठीक नहीं पता है कि ये वीडियो कितना पुराना है. नाइजीरिया के सूचना मंत्री लाई मोहम्मद ने बताया कि इस वीडियो में लड़कियां अगवा किए जाने के समय से बहुत अलग नहीं दिख रही हैं. आम तौर पर दो साल में उनमें कुछ बदलाव और वृद्धि तो होनी चाहिए थी.
अगवा लड़कियों को छुड़ा पाने में असफल रही नाइजीरियाई सरकार और सेना को दुनिया भर की निंदा का सामना करना पड़ा है. राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन के पिछले साल चुनाव हार जाने में भी इस मुद्दे पर लोगों का गुस्सा दिखा. चिबोक मामले में पहले तो राष्ट्रपति गुडलक ने ये माना ही नहीं था कि कोई सामूहिक अपहरण हुआ है. फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते उन्हें ये मानने और दूसरे देशों से मदद लेने के लिए सहमत होना पड़ा.
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने वहां अपना सलाहकार भेजे जिनमें अपहरणकर्ताओं से बातचीत करने के विशेषज्ञ भी शामिल थे. अमेरिकी और ब्रिटिश ड्रोंनों की मदद से करीब 80 लड़कियों का एक समूह भी देखा गया था. इसकी सूचना नाइजीरिया की सरकार और सेना को दी गई लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस बीच सेना ने उन शहरों और गावों पर हमले कर लोगों को आजाद कराना जारी रखा है, जिन इलाकों में बोको हराम ने हजारों नागरिकों को अपने कब्जे में रखा हुआ है.
उत्तरी नाइजीरिया में 2009 से अब तक बोको हराम पर करीब 14,000 लोगों की हत्या का आरोप है. 2009 में ही इस गुट ने इलाके में इस्लामिक स्टेट स्थापित करने के लिए विद्रोह की कार्रवाई शुरू की थी.