धधकता रूस
धुआं धुआं जंगल
मॉस्को से 500 किलोमीटर दक्षिण का शहर वोरोनेज़. यहां के जंगलों में भारी सूखे और बढ़ते हुए तापमान के कारण आग लगी. जंगलों में कई सौ ठिकानों पर नई आग लगने की खबरें लगातार जारी हैं.
सांसे फूली
वोरोनेज में एक व्यक्ति आग बुझाने की कोशिश करता हुआ. एक हफ्ते से रूस के जंगलों में आग का तांडव जारी. यहां तक कि रूस के परमाणु अनुसंधान केंद्र को भी खतरे की खबरें. मॉस्को के पास एक सैनिक ठिकाना भी जल कर खाक हुआ.
राख में
मोखोवोए गांव में आग बुझाने वाले कर्मचारी मारे गए लोगों के शव ले कर आए. आठ दिन से जारी आग ने 50 लोगों को लील लिया है. रूस स्तब्ध है और आग से निपटने की हर कोशिश कर रहा है.
जैसे भी हो
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. हवा में इतना प्रदूषण है कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. जिसे जैसे बन रहा है आग बुझाने की कोशिश कर रहा है.
अवाक प्रधानमंत्री
रूसी प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन ने आग से प्रभावित एक गांव का दौरा किया और लोगों को सांत्वना दी. लोगों में सरकार के प्रति रोष है. उनका आरोप है कि अधिकारियों ने आग लगने की शुरुआत होने के बाद तेज़ी से कार्रवाई नहीं की.
लपटों से घिरे
लुबेरत्सी गांव का एक व्यक्ति आग की लपटों से भागता हुआ. गुरुवार 29 जुलाई को मध्य रूस के जंगलों में आग लगना शुरू हुई.
जान बची तो...
72 साल के अनातोली सिमालेतोव अपने जल चुके घर के बाहर. वोरोनेज़ गांव के सभी घर जल कर खाक हो गए. कुल 50 लोग अब तक रूस के जंगलों में लगी आग के कारण मारे गए हैं.
तबाही
मोखोनोएव गांव में जंगलों में लगी के बाद तबाही. दूर दूर तक कुछ नहीं बचा. लपटें सब कुछ लील गई.
राख हुआ सब
एक चिमनी के सामने बुरी तरह से जली हुई कार. पूरे गांव में सिर्फ इसी कार के अवशेष दिखाई दे रहे हैं. मॉस्को से 135 किलोमीटर दक्षिणपूर्व के मोखोवोए गांव में जंगलों में लगी आग के कारण घर, इमारतें, दुकानें जल कर राख हो गए.
धधकते गांव
सूखी जमीन और घास के कारण दो लाख हैक्टेयर जमीन पर आग बुरी तरह से फैल गई. रूस में इस साल भारी गर्मी के कारण लोग परेशान हो गए और कड़कड़ाती ठंड वाला रूस सूखे की चपेट में आ गया.