धोनी को पड़ी आईसीसी की झिड़की
२ मार्च २०११आईसीसी ने भारतीय कप्तान को सलाह दी है कि वह अंपायर डिसीजन रिव्यू सिस्टम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक पर सवाल उठाने से पहले नियम पढ़ लें. महेंद्र सिंह धोनी ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. वह इसके पक्ष में नहीं हैं. इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को हुए मुकाबले में इयान बेल को आउट न दिए जाने को लेकर भारतीय कप्तान काफी नाराज हैं.
मैच के बाद धोनी ने कहा, "इनसानी सोच में तकनीक की मिलावट खराब होती है. इसीलिए हमें विकेट नहीं मिला. उम्मीद है कि अगली बार या तो इनसानी सोच होगी या तकनीक."
धोनी का यह बयान आईसीसी को नागवार गुजरा. परिषद के जनरल मैनेजर डेव रिचर्डसन ने कहा, "धोनी को टिप्पणी करने से पहले नियमों का पता होना चाहिए. हॉक आई के साथ कुछ नियम भी हैं जो अंपायर डिसीजन रिव्यू सिस्टम में मदद करते हैं. अक्सर खिलाड़ियों को नियमों का पूरा पता ही नहीं होता."
रिचर्डसन ने कहा कि अगर धोनी को नियमों पता होता तो वह इस तरह की बात नहीं करते. उन्होंने कहा, "अगर एमएस धोनी को नियमों की छोटी छोटी बातों का पता हो तो मुझे पूरा यकीन है कि वह रिव्यू सिस्टम के फैसले को स्वीकार कर लेंगे."
टीवी रिप्ले में दिखाया गया कि युवराज सिंह की गेंद पर इयान बेल एलबीडब्ल्यू आउट हो रहे थे क्योंकि गेंद स्टांप को लगती. लेकिन अंपायर रिव्यू सिस्टम के बाद बेल को नॉट आउट दिया गया. इस बारे में धोनी ने कहा, "अगर हॉक आई में दिखाई दे रहा है कि गेंद स्टंप को लगती तो आउट न देने की कोई वजह ही नहीं है."
लेकिन आईसीसी के नियमों के मुताबिक मशीन से फैसला देने से पहले यह देखा जाता है कि गेंद ने स्टंप से कितनी दूर पर टप्पा खाया. अगर गेंद स्टंप से ढाई मीटर के दायरे में टप्पा नहीं खाती है तो फिर अंपायर का फैसला ही आखिरी फैसला होगा, उसे मशीन के आधार पर नहीं परखा जा सकता. युवराज की गेंद इस ढाई मीटर के दायरे में टप्पा नहीं खाई थी.
यूडीआरएस को वर्ल्ड कप में पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए जमाल