नम आंखों से एंके को आख़िरी विदाई
१५ नवम्बर २००९हनोवर के जिस मैदान पर एंके क्लब फ़ुटबॉल खेलते थे, वहां रविवार को लगभग 45 हज़ार लोग मौजूद थे. इनमें जर्मन टीम के उनके साथी और कोच भी शामिल थे. सभी मैदान के बीचोबीच रखने एंके के ताबूत को देख रहे थे. हनोवर टीम के अध्यक्ष मार्टिन किंड ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा, "रॉबर्टे एंके फिर इस स्टेडियम में नहीं आएंगे. यहीं उन्होंने हमारे दिलों को जीता. एंके तुम असल मायनों में हीरो थे. तभी हमारे दिल इतने भारी हैं." स्टेडियम के बाहर भी हज़ारों लोग मौजूद थे.
बरसों से डिप्रेशन के शिकार 32 वर्षीय एंके ने मंगलवार को एक ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी. उनके मौत से जर्मनी और पूरी दुनिया में उनके चाहने वाले सदमे में हैं. तीन साल पहले एंके की दो साल की बेटी की दिल की बीमारी के चलते मौत हो गई थी जिससे वह काफ़ी आहत थे.
सफ़ेद फूलों से ढके एंके के ताबूत के सामने खड़ीं उनकी पत्नी टेरेसा फूटफूटकर रो रही थीं. दोनों ने इसी साल में मई में एक बच्ची को गोद लिया था. एंके 2003 से डिप्रेशन के शिकार थे. चोट और बीमारियों से उनका अंतरराष्ट्रीय करियर जूझता रहा. लेकिन हाल में विश्व कप क्लॉलिफ़ाइंग मैचों के लिए टीम में जगह बनाने में भी वह नाकाम रहे जिसे बाद उनकी पॉज़िशन को लेकर संदेह बना हुआ था.
रविवार को एंके की स्मृति सभा में जर्मन फ़ुटबॉल संघ के प्रमुख थिओ त्सवांसिंगर ने कहा, "फ़ुटबॉल ही सब कुछ नहीं है और फ़ुटबॉल सब कुछ होना भी नहीं चाहिए." एंके को हनोवर में उनकी बेटी की क़ब्र के पास की दफ़नाया गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस जोशी