नव नाजियों से जर्मनी 'शर्मसार'
२० नवम्बर २०११जर्मनी नव नाजियों के हाथों मारे लोगों को याद करेगा. यह जानकारियों पुष्ट हो चुकी हैं कि राष्ट्रवाद के नाम पर अंधे नव नाजियों ने बीते दशक में दस विदेशी मूल के लोगों की हत्याएं की. हाल ही में पूरी हुई जांच में पता चला है कि 2000 से 2006 के बीच आठ तुर्क मूल के और एक ग्रीक मूल के व्यक्ति की हत्या नव नाजियों ने की. हत्याओं को 'कबाब मर्डर' कहा गया क्योंकि ज्यादातर मृतक खाने पीने की दुकान चलाते थे. इनके अलावा जांच कहती है कि 2007 में एक महिला पुलिसकर्मी की हत्या भी नव नाजियों ने ही की.
द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले नाजियों की बर्बर कार्रवाई के चलते जर्मनी को आज तक शर्मिंदा होना पड़ता है. ऐसे में ताजा मामले जर्मन समाज और जर्मनी की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा रहे हैं. इस हफ्ते के अपने वीडियो संदेश के जरिए जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे अपराध करने वाले संगठनों के बारे प्रशासन काफी कुछ जानता है लेकिन फिर भी ऐसी वारदातें कैसे हुईं. मैर्केल ने इन हत्याओं को "जर्मनी के लिए शर्म" करार दिया.
रविवार को राष्ट्रपति क्रिस्टियान वुल्फ ने हत्याओं पर अफसोस जताते हुए संसद में बयान दिया. जर्मन संसद बुंडेसटाग के निचले सदन में राष्ट्रपति वुल्फ ने कहा कि उनका देश नव नाजियों के हाथों मारे गए लोगों की स्मृति में श्रद्धाजंलि सभा करेगा.
संसद के निचले सदन ने इस संबंध में राष्ट्रपति और चांसलर मैर्केल से भी बातचीत की. संसद अध्यक्ष नोरबेर्ट लाममेर्ट ने कहा, "हम इस बात पर सहमत हो गए हैं कि एक आयोजन होना चाहिए. स्मृति समारोह कैसा होगा, यह पीड़ितों के परिवारजनों के विचारों पर निभर करता है."
जर्मनी की न्याय मंत्री सबीने लेउथेउजेर ने आशंका जताई है कि नव नाजियों ने दस से ज्यादा हत्याएं की हो सकती हैं. उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि जांच पूरी होने पर विदेश मूल के प्रति नफरत के कारण शिकार बनने वाले ज्यादा मामले सामने आएंगे."
न्याय मंत्री के मुताबिक सरकार पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के प्रति वचनबद्ध है, "हालांकि वित्तीय मदद नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती है लेकिन मुआवजे के जरिए हम पीड़ित परिवारों को बताना चाहते हैं कि हम उनके साथ खड़े हैं."
विदेशी मूल के लोगों की हत्याओं ने जर्मनी ने बार फिर यह बहस तेज कर दी है कि क्या अति दक्षिणपंथी पार्टी एनडीपी पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. लाममेर्ट कहते हैं कि प्रतिबंध लगाने के लिए प्रशासन को अपराधी गुट और एनपीडी के बीच संभावित संबंध की जांच करनी होगी. संसद अध्यक्ष के मुताबिक पार्टी पर प्रतिबंध लगाना बहुत प्रभावी नजर नहीं आता है.
जर्मनी में अब भी नव नाजी सक्रिय हैं. नव नाजी द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी में फिर से नाजीवाद को फैलाना चाहते हैं. वे चाहते हैं कि जर्मनी सिर्फ जर्मन मूल के लोगों के लिए ही हो. वह देश से विदेशी मूल के लोगों को हटाना चाहते हैं. आर्थिक रूप से पिछड़े जर्मनी के पूर्वी इलाके में नव नाजी अब भी सक्रिय हैं.
देश के संविधान में नव नाजी पार्टी पर प्रतिबंध लगाया गया है. जर्मनी में नाजियों के प्रतीक चिह्न, सैल्यूट का तरीका और यहूदियों की हत्या को जायज ठहराना गैरकानूनी है. लेकिन इसके बावजूद नव नाजी गुप्त रूप से सक्रिय हैं. 2010 की जर्मनी की आतंरिक खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल देश में 25,000 दक्षिणपंथी कट्टरपंथी हैं, जिनमें 6,500 नव नाजी है.
रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह
संपादन: एन रंजन