नवनाजियों को कई लोगों की मददः जांचकर्ता
१६ नवम्बर २०११जर्मन मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक उग्र दक्षिणपंथी गुट नेशनल सोशलिस्ट (अंडरग्राउंड) के समर्थकों की संख्या अनुमान से कहीं अधिक है. जर्मन टीवी एआरडे के मुताबिक थ्युरिंजिया के तीन लोगों का एक मददगार सेक्सनी राज्य में भी था. योहानगेयॉर्गियनश्टाड नाम के इलाके में रहने वाले इस नवनाजी ने त्स्विकेनाऊ में गुट के सदस्यों के लिए अपार्टमेंट किराए पर लिया था. वहीं लोअर सेक्सनी में भी एक अन्य को इस सिलसिले में पकड़ा गया है.
संसदीय मामलों की कमेटी के अध्यक्ष थोमास ओपरमान ने मंगलवार को बैठक के बाद कहा कि गुट के पास शायद और लोग थे जो उन्हें मदद कर रहे थे. जर्मन अखबार बर्लिनर त्साइटुंग ने लिखा है कि जांचकर्ताओं को कई लोगों पर संदेह है.
साझेदारी नहीं
नवनाजी गुट के माने जा रहे तीन में से दो सदस्यों ने आत्महत्या कर ली ताकि उन्हें गिरफ्तार न किया जा सके. तीसरी संदिग्ध महिला हिरासत में है. श्टुटगार्टर नाखरिष्टन नाम के दैनिक ने लिखा है कि यह महिला बयान देने के लिए तैयार है.
इस मामले से जर्मनी की खुफिया सेवा और पुलिस के बीच संवाद की कमी सामने आई है. इसमें खास बात यह भी है कि गुट कई साल तक बिना नजर में आए काम करता रहा. साथ ही कटट्टरपंथी संगठन से जुड़े लोगों को खुफिया सेवा में सूचना देने वाले के तौर पर रखने पर भी सवाल पैदा हुए हैं. आलोचकों का कहना है कि इस पर पैसे खर्च करने का कोई फल नहीं हुआ है. इसे दक्षिणपंथी संगठनों के इस्तेमाल के लिए लगाया जा रहा है. ऐसा भी संदेह है कि नेशनल सोशलिस्ट (अंडरग्राउंड) के खुद भी एजेंसी के लिए काम कर रहे थे.
केंद्रीय नवनाजी रजिस्टर
जर्मनी के गृह मंत्री हान्स पेटर फ्रीडरिष ने अपील की है कि गंभीर नवनाजियों को एक केंद्रीय रजिस्टर में पंजीकृत करने की जरूरत है. स्यूडडॉयचे त्साइटुंग में उन्होंने कहा कि नवनाजी फाइल को नया बनाने की जरूरत है जैसे कि खतरनाक इस्लामिक संगठनों की बनाई गई है. इस रजिस्टर में राज्य और केंद्रीय स्तर पर पुलिस की सूचना के साथ ही खुफिया सेवा की जानकारी भी दर्ज की जाए.
साथ ही इस तथ्य पर भी विचार किया जा रहा है कि नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनपीडी) जैसी दक्षिणपंथी पार्टियों को अवैध घोषित कर दिया जाए. 2001 में भी इन पार्टियों को प्रतिबंधित करने के लिए अपील की गई थी लेकिन 2003 में जर्मनी की संघीय अदालत ने इस अपील को खारिज कर दिया.
रिपोर्टः रॉयटर्स/डीपीए/एएफपी/आभा मोंढे
संपादनः वी कुमार