नाइजीरिया में चुनाव के बाद हिंसा में 200 मौतें
२१ अप्रैल २०११नाइजीरिया में शनिवार को वोटिंग हुई थी. उसके बाद आए नतीजों में मौजूदा राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन की भारी मतों से जीत का एलान किया गया. विपक्षी उम्मीदवार और पूर्व सैन्य शासक मुहम्मदु बुहारी ने इस जीत को संदिग्ध बताया और कहा कि चुनावों में धांधली हुई है. उनके ऐसा कहने के कुछ ही देर बाद हिंसा शुरू हो गई.
कुएं में फेंके गए शव
इस हिंसा ने अब तक 40 हजार से ज्यादा लोगों को विस्थापित कर दिया है. ज्यादातर विस्थापितों ने सेना और पुलिस बैरकों में शरण ली है. घायलों का बड़ी तादाद में अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है.
अधिकारियों का कहना है कि काफी लोगों की जानें जा चुकी हैं. ऐसी खबरें हैं कि शव बिना किसी पहचान के जला दिए गए या उन्हें कुओं में फेंक दिया गया.
नाइजीरिया के उत्तरी शहर कदुना में काम करने वाले मानवाधिकार संगठन का कहना है कि उत्तरी इलाके में 200 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं. संगठन के अध्यक्ष शेहू सानी ने बताया, "सिविल राइट्स कांग्रेस की तरफ से आ रही रिपोर्टों के मुताबिक दो सौ से ज्यादा जानें जा चुकी हैं."
14 राज्यों में फैली हिंसा
हिंसा की वारदातों के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है. सेना लगातार गश्त लगा रही है. शहर में मरघट सी शांति है. बुधवार को काम पर गए कुछ लोगों को रात सेना के कैंपों या पुलिस हेडक्वार्टर में बितानी पड़ी.
रेड क्रॉस सोसाइटी ने कहा है कि उसने 400 से ज्यादा घायलों को गिना है. यह हिंसा मुस्लिम बहुल उत्तरी इलाके में झड़पों के साथ शुरू हुई और जल्द ही देश के 14 राज्यों में फैल गई. हिंसा का शिकार हुए 42 साल के रौतिमी अजाई ने कहा, "किसी ने छुरा निकाला और मेरे माथे पर हमला किया. जब उसने दूसरा हमला किया तो मैंने हाथ से उसे रोकने की कोशिश. इसमें मेरा हाथ घायल हो गया."
नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे अधिक आबादी वाला देश है. यहां लगभग 15 करोड़ लोग रहते हैं और देश की जनंसख्या मुस्लिम और ईसायों में बंटी है. यहां आधी से ज्यादा आबादी मुसलमानों की है.
राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन का संबंध दक्षिणी हिस्से से है जहां ज्यादातर ईसाई रहते हैं, जबकि उत्तरी हिस्सा मुस्लिम बहुल है. इस वजह से वहां मुहम्मदु बिहारी का प्रभाव है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया