नाटो ने लीबियाई विद्रोहियों पर हमला किया
८ अप्रैल २०११गुरुवार को नाटो विमानों ने एक टैंक दस्ते पर हमला किया. बाद में पता चला किया कि यह दस्ता विद्रोहियों का ही है. इस हमले में घायल हुए लड़ाकों को अजदाबिया लाया गया जहां उन्होंने बताया कि ब्रेगा शहर के बाहर उन पर नाटो सेना ने हमला किया. इस हमले में चार लोगों की जान गई जिनमें दो डॉक्टर हैं. 14 लोग घायल हुए हैं और छह लोग लापता हैं.
तनाव नहीं
लेकिन विद्रोही इस बात को मुद्दा बनाने से बच रहे हैं. बेनगाजी में विद्रोही नेता अब्देल फतह यूनुस ने कहा, "हम नाटो की मंशा पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. वे लोग हमारी और नागरिकों की मदद के लिए यहां हैं. हालांकि हम चाहेंगे कि जो हुआ उसके लिए कोई जवाब तो दिया जाए."
गद्दाफी सरकार में गृह मंत्री रहे यूनुस बाद में विद्रोहियों से जा मिले थे. अब वह विद्रोहियों के कमांडर हैं. उन्होंने कहा कि नाटो को बताया गया था कि टैंकों का एक दस्ता सफर पर है, फिर भी इस तरह की गलती हुई. हालांकि उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच किसी तरह का तनाव नहीं है, लेकिन इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए.
लीबियाई विद्रोही यूं भी ज्यादा मजबूत नहीं हैं. उनके पास न तो अच्छे हथियार हैं और न ही किसी तरह का प्रशिक्षण है. यूनुस ने बताया कि कतर से दो प्रशिक्षक उनके लड़ाकों को ट्रेनिंग देने के लिए पहुंच गए हैं.
'नहीं जीत सकते विद्रोही'
अमेरिका को इन विद्रोही लड़ाकों पर ज्यादा भरोसा नहीं है. एक वरिष्ठ अमेरिकी जनरल ने गुरुवार को कहा कि लीबियाई विद्रोही शायद ही मुअम्मर गद्दाफी को सत्ता से बाहर कर पाएं. उन्होंने कहा कि अब विद्रोह में ठहराव सा आता दिखाई दे रहा है.
लीबिया में पहले दौर के पश्चिमी हवाई हमलों की कमान संभालने वाले जनरल कार्टर हैम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय दखलअंदाजी से नागरिकों की सुरक्षा में तो कामयाबी मिली है लेकिन इससे गद्दाफी को सत्ता से हटाना शायद संभव नहीं होगा.
सीनेट में एक सुनवाई के दौरान जब जनरल हैम से पूछा गया कि विद्रोहियों की जीत की क्या संभावना है तो उन्होंने कहा, "सर, मैं समझता हूं कि बहुत ही कम."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया