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नालंदा के लिए चीन देगा 45 अरब

२१ जनवरी २०११

कभी दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में गिनी जाने वाली बिहार की नालंदा यूनिवर्सिटी फिर खुलेगी. चीन चाहता है कि नालंदा विश्वविद्यालय को पुराना गौरव मिले. इसके लिए चीन ने बिहार सरकार को एक अरब डॉलर की मदद दी है.

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तस्वीर: AP

नालंदा यूनिवर्सिटी को खुलवाने के मकसद से भारत में चीन के राजदूत झांग यान पटना पहुंचे. मंगलवार को उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और एक अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देने का एलान किया. चीन चाहता है कि नालंदा में फिर से पांचवीं शताब्दी जैसा गौरवशाली विश्वविद्यालय खड़ा हो.

चीनी राजदूत झांग यान ने कहा, ''ऐतिहासिक नालंदा यूनिवर्सिटी को दोबारा स्थापित करने के लिए चीन एक अरब डॉलर की सहायता देगा.'' वैसे इस संबंध में एक कानून भी बनाया जा चुका है. नालंदा यूनिवर्सिटी बिल 2010 के तहत नालंदा जिले में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाएगा.

नालंदा विश्वविद्यालय का भारत और चीन के इतिहास में खासा महत्व है. नालंदा पांचवीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी तक उत्तर भारत और बौद्ध धर्म का प्रमुख ज्ञान केंद्र रहा. बुद्ध और महावीर कई बार नालंदा में ठहरे. लेकिन अब तस्वीर खंडहरमयी हो गई है. विश्वविद्यालय में सिर्फ टूटे फूटे अवशेष बचे हैं.

लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कोशिशों से नालंदा यूनिवर्सिटी जीवित होती दिख रही है. 2006 में सिंगापुर, चीन और जापान ने वित्तीय मदद का आश्वासन देकर नालंदा इंटरनेशल यूनिवर्सिटी को दोबारा बनाने का वादा किया. इस सिलसिले की कड़ी में मंगलवार को झांग ने दूसरी बार बिहार की सत्ता में लौटे नीतीश कुमार को चीन का न्योता दिया. इस पर नीतीश ने कहा कि समय मिलने पर वह चीन जरूर जाएंगे.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: महेश झा

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