निढाल नहीं हुए हैं नडाल
१३ दिसम्बर २०११नडाल खुद मान रहे हैं कि साल 2012 में उन्हें नई शुरुआत करनी होगी. जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए को दिए इंटरव्यू में नडाल का कहना है, "मैं खेल को लेकर वैसा उत्साह नहीं पैदा कर पाया. मेरी टांगें कमजोर हो गई थीं और मेरा मानसिक संतुलन भी बहुत अच्छा नहीं था. सबसे अहम मानसिक पक्ष ही है." हालांकि दूसरे खिलाड़ियों की तरह वह किसी मनोचिकित्सक के पास नहीं जाना चाहते, "मैं कभी भी मनोचिकित्सक के पास नहीं गया और न ही जाना चाहता हूं. मैं उनके काम की बड़ी इज्जत करता हूं लेकिन टेनिस खेलने के लिए नहीं."
साल भर में एक ही खिलाड़ी से छह बार फाइनल हार जाना और उसी के हाथों नंबर वन की गद्दी भी गंवा देने नडाल जैसे खिलाड़ी पर नहीं जमता. अगला साल बहुत अहम होने वाला है क्योंकि वह लीप ईयर है, जिसमें ओलंपिक होता है और ओलंपिक के टेनिस गोल्ड मेडल के बहुत मायने हैं. पिछली बार के बीजिंग ओलंपिक का गोल्ड मेडल जीत चुके नडाल हालांकि इन उपलब्धियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, "इस साल मैं खुद को अंदर से बेहतर करने की कोशिश करूंगा. जोकोविच को हराने के लिए नहीं. किसी दूसरे खिताब के लिए भी नहीं. यह सिर्फ मेरे व्यक्तित्व के बारे में होगा किसी और चीज के बारे में नहीं."
जोकोविच से परेशान
रिकॉर्ड छह बार फ्रेंच ओपन सहित चारों ग्रैंड स्लैम जीतने वाले रफाएल नडाल 2011 में फ्रेंच ओपन के अलावा कोई खिताब नहीं जीत पाए. 25 साल के खब्बू स्पेनी खिलाड़ी नडाल के लिए 24 साल के सर्बियाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच बुरे सपने की तरह हो गए हैं. जोकोविच ने नडाल को जितनी बार मात दी है, उतनी शायद किसी और ने नहीं दी होगी. जोकोविच ने 2011 के चार में से तीन ग्रैंड स्लैम जीते हैं.
आम तौर पर बाएं हाथ के टेनिस खिलाड़ी को साधारण खिलाड़ियों पर बढ़त मिलती है लेकिन जोकोविच के खिलाफ नडाल को नहीं. क्योंकि जोकोविच का बैंकहैंड उनके फोरहैंड से भी बेहतर माना जाता है और नडाल यहां गच्चा खा जाते हैं. इसके अलावा कोर्ट पर कई बार अजीबोगरीब हरकत करके भी जोकोविच सामने वाले खिलाड़ियों को झल्ला देते हैं. ऐसे मौकों पर बड़े खिलाड़ियों से संयम बनाए रखने की उम्मीद होती है लेकिन नडाल कई बार इस जाल में फंस जाते हैं.
क्या खत्म है करियर
जर्मनी के महान टेनिस खिलाड़ी बोरिस बेकर का कहना है कि 2011 में नडाल ने फाइनल से पहले तक के मैचों में बेहतरीन खेला लेकिन आखिरी मैच में उनकी लय टूट गई. हालांकि नडाल इस बात को नहीं मानते, "यह बहुत सरल बात हो गई. मैं इसे नहीं मानता हूं. मैं खुद उस स्तर का टेनिस नहीं खेल पाया, जैसा कि मैं पहले खेल चुका हूं. सच्चाई यही है."
सिर्फ 25 साल की उम्र में नडाल ने लगभग एक दशक का अंतरराष्ट्रीय टेनिस खेल लिया है. उन्होंने अपना पहला खिताब 2005 में सिर्फ 19 साल की उम्र में जीता. इसके बाद उनकी पहचान टेनिस कोर्ट पर एक जुझारू दमदार खिलाड़ी के रूप में होने लगी, जिसने टेनिस के सर्वकालिक महान खिलाड़ी रोजर फेडरर की बादशाहत खत्म कर दी. उनके नाम कुल 10 ग्रैंड स्लैम हैं, जिनमें दो बार का विम्बलडन भी शामिल है. हालांकि खुद नडाल ज्यादा दिनों तक बादशाह नहीं रह पाए. टेनिस के जानकारों का मानना है कि भले ही नडाल ने चारों ग्रैंड स्लैम जीत लिया हो लेकिन महानतम खिलाड़ी बनने के गुर उनमें नहीं हैं.
चोट पर चोट
इसकी एक वजह नडाल का लगातार घायल होना है. नडाल के टखने और घुटने की चोट से पूरी दुनिया वाकिफ है. पर खुद वह कहते हैं कि यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं, "पिछले सात साल से कहा जा रहा है कि मैं चोट से जूझ रहा हूं. यह सच है कि मेरे शरीर के साथ परेशानी है. लेकिन अगर यह बड़ी समस्या होती तो शायद मैं पिछले सात साल से चोटी के दो टेनिस खिलाड़ियों में शामिल नहीं होता."
स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर के साथ नडाल की जैसी प्रतिद्वंद्विता है, वैसी ही उनकी दोस्ती भी है. बड़े मुद्दों पर दोनों स्टार खिलाड़ी एक दूसरे से चर्चा करते हैं और नडाल का सपना है कि एक दिन वह फेडरर के साथ टीम बना कर टेनिस का डबल मुकाबला खेलें.
रिपोर्टः डीपीए/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह