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नैनो चली नेपाल

२६ जून २०१०

टाटा की लखटकिया कार नैनो अपने पहले अंतरराष्ट्रीय सफर पर चल पड़ी है नेपाल की ओर. भारी कस्टम ड्यूटी के कारण भारत के पड़ोसी मुल्क में इसकी कीमत होगी साढ़े चार लाख रुपये. रतन टाटा को नैनो के लिए कैंब्रिज से मिला सम्मान.

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नेपाल में नैनोतस्वीर: AP

सबकुछ योजना के हिसाब से रहा तो अगले महीने नेपाल की सड़कों पर नैनो दौड़ने लगेगी. नेपाली कंपनी सिपार्डी जुलाई के अंत में पांच नैनों कारों से दुनिया की सबसे सस्ती कार के नेपाल सफर का आगाज कराएगी.

300 फीसदी कस्टम ड्यूटी के बाद सात लाख नेपाली रुपये में मिलने वाली नैनो नेपाल की सबसे सस्ती कार होगी. अब तक 1000 लोग नैनो के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सिपार्डी के दफ़्तर आ चुके हैं. नेपाल में टाटा की कार बेचने वाली एजेंसी सिपार्डी के सीईओ शंभु प्रसाद दहल इस कोशिश में हैं कि किसी तरह कार की कीमत साढ़े छह लाख तक लाई जा सके. अब तक नेपाल में सबसे सस्ती कार मारूती सुजुकी है जो करीब 10 लाख नेपाली रुपये में मिलती है.

Tata Konzern Nano Auto Indien
दुनिया की सबसे सस्ती कारतस्वीर: AP

इसी बीच नैनो बनाने और उसे लोगों तक पहुंचाने के लिए रतन टाटा को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने सम्मान दिया है. रतन टाटा को डॉक्टरेट ऑफ लॉ की डिग्री का सम्मान देने के लिए प्रिंस फिलिप यूनिवर्सिटी आए. रतन टाटा को दिए सम्मान पत्र में लिखा गया है कि भारत जैसे देश में 65 फीसदी से ज्यादा लोगों के लिए कार खरीदना एक सपना है. रतन टाटा ने नैनो के रूप में दुनिया की सबसे सस्ती कार बनाकर इस सपने को साकार कर दिया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः महेश झा