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न्यूयॉर्क में भारतीय फिल्मों का जलवा

२१ मई २०१२

न्यूयॉर्क में 12वां फिल्म महोत्सव आरम्भ हो रहा है. इसमें न केवल भारत के निर्माता निर्देशकों की फिल्में हैं बल्कि पाकिस्तान, अमेरिका, इटली, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के निर्देशकों की बनाई गईं लघु फिल्में भी दिखाई जाएंगे.

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तस्वीर: Cobra Film

महोत्सव का प्रायोजन भारतीय अमरीकी कला परिषद कर रहा है. इसकी कार्यकारी निदेशक अरुण शिवदसानी के अनुसार, "यह साल भारतीय फिल्म उद्योग के लिए मील का पत्थर है, उसने एक शताब्दी पूरी कर ली है. वह भारतीय फिल्मों की पहुंच, उनके स्वभाव, कथावस्तु और समानता का प्रदर्शन करता है." शिवदसानी के मुताबिक उत्सव में जो फिल्में शामिल हैं उनमें से कुछ भारत के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हैं और कुछ कान, सनडांस और बर्लिन जैसे प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल में शामिल हो चुकी हैं. स्लमडॉग मिलियनेयर भी ऑस्कर से नवाजे जाने से पहले यहां दिखाई गई थी.

पांच दिन चलने वाले उत्सव में फिल्मों के व्यापक आयामों को प्रस्तुत किया जा रहा है. समारोह की शुरुआत हो रही है बेदोब्रत पाइन की फिल्म चितगांव से. यह उनकी पहली फिल्म है, भारत की आजादी के संघर्ष की पृष्ठभूमि में घटित वास्तविक घटना पर आधारित. बंगाली फिल्मों के सुप्रसिद्ध निर्देशक ऋतुपर्णो घोष इस उत्सव के बहुत चहेते अंग हैं. उनकी कई पुरस्कृत फिल्में इसमें भाग ले चुकी हैं. इस बार वह खुद आ रहे हैं, अपनी नई फिल्म चित्रांगदा के साथ, जिसमे उन्होंने खुद भी भूमिका निभाई है. फिल्म रवींद्रनाथ ठाकुर की कहानी चित्रांगदा पर आधारित है और इसे एक आधुनिक समाज में ढाल कर प्रस्तुत किया गया है.

Indien Regisseur Anurag Kashyap
तस्वीर: AP

कुछ अलग तरह की फिल्में

उत्सव के समापन पर अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' दखाई जाएगी. यहां आने से पहले यह फिल्म कान में भी शामिल की गई. फिल्म कोयला खदान माफिया पर आधारित है.

उत्सव के दो अलग आयामों के अंतर्गत न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में श्याम बेनेगल की तीन फिल्मों का विशेष आयोजन है. मम्मो, सरदारी बेगम, और जुबैदा दिखाने के साथ श्याम बेनेगल वहां एक सम्मेलन में भी भाग लेंगे.

अपनी मृत्यु से कुछ ही समय पूर्व देवानंद ने अपनी फिल्म हम दोनों का रंगीन रूपांतरण जारी किया था. हम दोनों कलर फेस्टिवल में विशेष रूप से पेश की जा रही. सलमान रुश्दी आरम्भ से ही रेड कार्पेट पर चलने वाली एक हस्ती रहे हैं. उत्सव के बारे में वह कहते हैं, "मुझे अच्छी तरह से याद है जब यह उत्सव आरंभ हुआ था. इन वर्षों में यह बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण उत्सव बन गया है." रेड कार्पेट पर सलमान रुश्दी के अलावा ऋतुपर्णो घोष, एश्वर्या, मधुर जाफरी, पद्मा लक्ष्मी, भारत की राजदूत निरुपमा राव, अमेरिकी सांसद कैरोलीन मेलोनी सहित अनेक गणमान्य हस्तियां पहुचेंगी.

Salman Rushdie in Köln
तस्वीर: AP

बॉलीवुड का जादू

अमेरिका में लोकप्रियता केवल हिन्दी फिल्मों की ही नहीं है, भारतीय फिल्मों के अमरीकी दर्शक हिन्दी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं की फिल्मों को भी देखना पसंद कर रहे हैं. 2001 में न्यूयॉर्क पर हुए आतंकी हमले से शहर थम सा गया था, लेकिन उस वक्त शहर के मेयर रूडी जूलियानी ने लोगों से सामान्य जीवन जीने की अपील की. परिणाम स्वरुप जन्म लिया इस फिल्मोत्सव ने, जिसमें इस्माइल मर्चेंट ओर मीरा नैयर की फिल्में दिखाई गईं. तब से लेकर अब तक दीपा मेहता, मणिरत्नम और श्याम बेनेगल जैसे निर्देशकों की फिल्मे प्रस्तुत की जा चुकी हैं.

रिपोर्ट: अम्बालिका मिश्रा, न्यूयॉर्क

संपादन: मानसी गोपालकृष्णन

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