पंचतत्व में विलीन बहादुर बेटी
३० दिसम्बर २०१२अंतिम संस्कार की तैयारियों को आखिरी वक्त तक गोपनीय रखा गया. प्रशासन को आशंका थी कि प्रदर्शनकारियों या नाराज लोगों के आने से माहौल गड़बड़ा जाएगा और कानून व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कत होगी. प्रशासन ने सिंगापुर से शव लाए जाने के फौरन बाद ही अंतिम संस्कार करने की भी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन हिंदू धर्म की परम्पराओं के मुताबिक सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता.
इस वजह से सुबह सूरज उगने का इंतजार किया गया. पश्चिमी दिल्ली में द्वारका के श्मशान घाट पर करीब साढ़े सात बजे शव को मुखाग्नि दी गई. 13 दिन तक जिंदगी की लड़ाई लड़ने वाली छात्रा को उसके पिता ने आग के हवाले किया. श्मशान घाट पर लड़की का भाई और कुछ अन्य रिश्तेदार मौजूद थे. कोने में गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष विजेंदर सिंह भी दिखाई पड़े.
श्मशान घाट चलाने वाली न्यू इंडियन एजुकेशन एंड कल्चर सोसाइटी को पुलिस ने शनिवार को ही तैयारी करने को कह दिया था. सोसाइटी से कहा गया कि वे सुबह साढ़े छह बजे अंतिम संस्कार कराने के लिए तैयार रहें. सोसाइटी के मैनेजर सुनील कुमार ने कहा, "हमें पीड़िता के बारे में बता दिया गया था. हमने तैयारियां कर ली थीं."
इससे पहले रविवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे शव विशेष विमान से सिंगापुर से दिल्ली पहुंचा. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शव को लेने एयरपोर्ट पहुंचे. दोनों ने छात्रा के परिवार को सांत्वना दी. पीड़ित परिवार को कड़ी सुरक्षा में उनके घर ले जाया गया. शव को घर ले जाते वक्त बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस, दंगा निरोधी बल और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवान तैनात थे. छात्रा के घर के आस पास की जगह को छावनी में तब्दील कर दिया गया.
घर पर रीति रिवाजों को निभाने के बाद भारी सुरक्षा के बीच शव को श्मशान घाट ले जाया गया. मीडिया और जनता के श्मशान घाट जाने पर रोक लगाई गई थी. वैसे भारतीय मीडिया खुद ही यह एलान कर चुका था कि पीड़ित परिवार की निजी जिंदगी में बाधा नहीं डालने के चलते वह अंतिम संस्कार से दूर रहेगा.
पुलिस चाहती थी कि शव को उत्तर प्रदेश में पीड़ित परिवार के पैतृक घर ले जाया जाए और अंतिम संस्कार वहीं हो, जबकि घरवाले दिल्ली में ही अंतिम संस्कार करने के पक्ष में थे.
छात्रा से 16 दिसंबर की रात दिल्ली में छह युवकों ने चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया. इस दौरान उसकी बर्बर तरीके से पीटा गया. उसके पेट में गंभीर छोटें आई थी. बुधवार को छात्रा को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से सिंगापुर भेजा गया. शनिवार को उसकी मौत हो गई.
इस बलात्कार कांड ने भारत को झकझोर दिया है. घटना के बाद से दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भारी प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली के जंतर मंतर पर रविवार को भी सैकडों लोग प्रदर्शन के लिए जुटे. इससे पहले शनिवार देर शाम भी दिल्ली में लोगों ने मोमबत्तियां और मशाल जलाकर मार्च किया था.
ओएसजे/एजेए (पीटीआई)