परमाणु परीक्षण की निंदा
१२ फ़रवरी २०१३उत्तर कोरियाई मीडिया ने कहा कि "हल्के, छोटे परमाणु बम का धमाका किया गया है," जो पहले के धमाकों से अधिक शक्तिशाली था. कम्युनिस्ट देश की सरकारी मीडिया के अनुसार परमाणु परीक्षण मंगलवार को सुरक्षित इलाके में किया गया. सरकारी बयान में कहा गया है कि परीक्षण अमेरिका के दुश्मनीपूर्ण रवैये के कारण देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए व्यावहारिक जवाबी कदम के रूप में किया गया है.
अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया की है. व्हाइट हाउस ने बताया है कि राष्ट्रपति ओबामा ने परीक्षण को अत्यंत उकसावे वाली कार्रवाई बताया है, जो अमेरिका की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरा पहुंचाता है. रात ही जारी बयान में ओबामा ने आश्वासन दिया कि अमेरिका भविष्य में भी खुद की और साथियों की सुरक्षा के लिए जरूरी प्रयास करता रहेगा. उन्होंने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की फौरी और विश्वसनीय प्रतिक्रिया की मांग की.
प्रतिबंधों की मांग
जर्मनी ने भी उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की आलोचना की है. विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने उत्तर कोरिया पर और प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने उत्तर कोरिया के कदम को सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का भारी उल्लंघन बताते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से साफ रुख अख्तियार करने की मांग की है. वेस्टरवेले ने एक बयान में कहा, "प्योंगयांग शासन के खिलाफ अब और प्रतिबंध लगाने पर भी विचार किया जाना चाहिए."
उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण पर विचार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंगलवार को ही बैठक हो रही है. दक्षिण कोरिया इस समय सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है. उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बारे में जानकारी देते हुए दक्षिण कोरिया ने मंगलवार सुबह कहा था कि धरती के अंदर हुई हलचल से संकेत मिला कि धमाके की शक्ति पहले दो परीक्षणों से थोड़ी ज्यादा थी. रूस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार धमाके की ताकत 7 किलोटन से ज्यादा थी. तुलना के लिए हिरोशिमा पर गिराया गया पहला परमाणु बम 20 किलोटन का था.
उत्तर कोरिया के ताजे परमाणु परीक्षण की निंदा करने वालों में पश्चिमी देशों के अलावा रूस और चीन भी शामिल हैं. रूस ने इसे सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का हनन बताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम उत्तर कोरिया के कदम की निंदा करते हैं, इसे बैलेस्टिक मिसाइल सैटेलाइट लॉन्च की तरह सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का हनन मानते हैं." रूस ने दिसंबर में उत्तर कोरिया के लंबी दूरी के रॉकेट लॉन्च पर गहरा अफसोस जताया था.
निंदा में चीन भी शामिल
लंबे समय तक उत्तर कोरिया के दोस्त रहे चीन ने परमाणु परीक्षण पर कड़ा रुख अपनाया है. उसने परीक्षण पर ठोस विरोध जताते हुए कहा है कि उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से व्यापक विरोध के बावजूद परीक्षण किया है. विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा, "हम डीपीआरके से परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रतिबद्धताओं का आदर करने और ऐसा कुछ नहीं करने की अपील करते हैं, जिससे हालत और बिगड़ जाए." चीन उत्तर कोरिया का सबसे महत्वपूर्ण समर्थक रहा है. उत्तर कोरिया को कोई धमकी देने के बदले चीन ने कहा है, "चीन सरकार सभी पक्षों से शांत रहने और परमाणु मुद्दे का हल छह दलीय ढांचे में वार्ता के जरिए करने की अपील करती है."
1998 में परमाणु परीक्षण कर खुद विश्व समुदाय का गुस्सा झेलने वाले भारत ने भी उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण पर गहरी चिंता का इजहार किया है और कहा है कि इस तरह की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को तोड़ती हैं और उनका शांति और इलाके की स्थिरता पर बुरा असर होता है. विदेश मंत्रालय ने उत्तर कोरिया के आधिकारिक नाम के छोटे रूप का इस्तेमाल करते हुए एक बयान जारी कर कहा है, "हम डीपीआरके से ऐसी कार्रवाईयों से बचने की अपील करते हैं जो इलाके की शांति और स्थिरता पर असर डालते हों."
बंद हों परमाणु परीक्षण
परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि सीटीबीटी दस्तखत कर चुके देशों ने कहा है कि उत्तर कोरिया के धमाके के कारण रिक्टर स्केल पर 4.9 की तीव्रता का भूकंप आया. 2009 में उत्तर कोरिया के पिछले परमाणु परीक्षण के दौरान इसकी तीव्रता 4.52 थी. सीटीबीटी देशों का कहना है कि परीक्षण 0258 यूटीसी पर हुआ. सीटीबीटी के कार्यकारी सचिव टिबोर टॉथ ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि परमाणु परीक्षण हमेशा के लिए बंद होना चाहिए. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक यूकिया अमानो ने एक बयान में कहा, "यह सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट हनन है."
इस समय विश्व के पांच देशों को आधिकारिक परमाणु सत्ता माना जाता है. वे पांचों अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं. उनके अलावा चार देश ऐसे हैं जिनके बारे में समझा जाता है कि उनके पास परमाणु हथियार हैं. ये देश भारत, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया हैं. अमेरिकी वैज्ञानिकों के संगठन के अनुसार विश्व भर में करीब 19,500 परमाणु हथियार हैं जिनमें से 4,830 काम करने की हालत में हैं. समझा जाता है कि पाकिस्तान के पास 90 से 110 वारहेड हैं जबकि भारत और इस्राएल के पास 80-80 वारहेड हैं. उत्तर कोरिया अपने परीक्षण के साथ परमाणु हथियार बनाने के करीब पहुंच रहा है, जिसे रॉकेट से लॉन्च किया जा सकता है. दिसंबर 2011 में 30 वर्षीय किम जोंग उन के सत्ता संभालने के बाद यह पहला परमाणु परीक्षण है.
एमजे/एजेए (एपी, रॉयटर्स, एएफपी)