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पर्दे पर अच्छा बनना बहुत बोरिंग हैः नसीरुद्दीन शाह

३१ दिसम्बर २०११

अंधे का ढोंग कर मोहरा के जिंदल ने खलनायकी को नया रंग दिया, मिर्च मसाला के सूबेदार ने लोगों के दिल में नफरत भरी, डर्टी पिक्चर के सूर्यकांत को भी हिकारत से देखना लोगों को खूब भाया, नसीरुद्दीन शाह को अपने यही चेहरे पसंद है.

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तस्वीर: DW

निशांत के विश्वम से लेकर डर्टी पिक्चर के सूर्यकांत तक हिंदी फिल्मों के इस दिग्गज अभिनेता ने साढ़े तीन दशकों में पचासों किरदारों को पर्दे पर जिंदा किया है और कभी किसी दायरे में नहीं बंधे. बुरा से बुरा और अच्छे से अच्छा, हर किरदार उनकी अदाकारी में ढल कर शक्ल लेता गया, अमर होता गया, तालियां बजती रहीं, अवॉर्ड मिलते रहे. हाल के दिनों में तो उन्होंने ऐसी भूमिकाओं के लिए हां कही है जिसके बारे में दूसरे अभिनेता दस बार सोंचेंगे. नसीर को बुरे चरित्र निभाना मजा देता है और अच्छे चरित्रों को वह बोरिंग मानते हैं. कहते हैं, "मुझे तो इस तरह के (बुरे) चरित्र निभाना खूब पसंद है. मैं पर्दे पर अच्छा इंसान नहीं बनना चाहता यह बहुत उबाऊ है. मेरे पसंदीदा किरदार वो हैं जो मैंने मिर्च मसाला और मोहरा में निभाई. ये ऐसे चरित्र हैं जो मुझसे जुड़े और शुरू से लेकर आखिर तक मैने खूब मजा उठाया."

डर्टी पिक्चर में निभाए सूर्यकांत की भूमिका के बारे में नसीरुद्दीन शाह ने कहा, "मुझे डर्टी पिक्चर की अपनी भूमिका के बारे में कोई संदेह नहीं था मैं जानता था कि मुझे इस भूमिका में क्या करना है. मुझे तो संदेह होता है कि कहीं यह सचमुच मैं ही तो नहीं."

Naseeruddin Shah, Indischer Schauspieler, Biennale 2006
थिएटर में नसीरतस्वीर: DW

61 साल के नसीरुद्दीन आने वाली फिल्म चालीस चौरासी में लोगों को हंसाने की कोशिश करते नजर आएंगे. यह वो दुनिया है जिसके बारे में नसीर मानते हैं कि पूरे करियर के दौरान उन्होंने ध्यान नहीं दिया. हृदय शेट्टी के निर्देशन में बन रही यह फिल्म चार पुलिसवालों की कहानी है जिनके इरादे नेक नहीं और शाह इन्हीं में से एक पुलिसवाले बने हैं. फिल्म 13 जनवरी को पर्दे पर उतरेगी. फिल्म के बारे में नसीरुद्दीन शाह ने कहा, "मेरे ख्याल में अदाकारी में कॉमेडी को मैंने बहुत ज्यादा नहीं छुआ है और भविष्य में मैं इसी ओर ज्यादा काम करना चाहता हूं. इस फिल्म में इसके लिए बहुत संभावनाएं हैं. इसमें जाने भी दो यारों की तरह का हास्य है."

नसीर ने अपनी जवानी के दिनों में गिने चुने फिल्मों में ही डांस किया है लेकिन विद्या बालन के साथ डर्टी पिक्चर में ठुमके लगाने के बाद अब चालीस चौरासी में भी वो कई दफा कमर हिलाते दिखेंगे. इस फिल्म में उन पर तीन गाने फिल्माए गए हैं. शेट्टी की पहले आई दो फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं किया लेकिन नसीरुद्दीन को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ा. वह तो कहते हैं कि युवा निर्देशक उन्हें पसंद करते हैं यह उनकी खुशकिस्मती है. नसीर ने कहा, "मुझे हमेशा लगता रहा है कि किसी भी शख्स की पहली फिल्म आमतौर पर सबसे शानदार होती है. हृदय ने पहले फिल्म बनाए हैं लेकिन वो नही चले उसने अपने अनुभवों से सीखा है. वो ऐसी फिल्म बना रहा है जो युवाओं की संवेदनशीलता को अपील करेगी क्योंकि यह एक मजेदार, रोमांचक फिल्म है जो समय के साथ चलती है."

नसीर ने यह भी कहा कि करियर की शुरुआत से ही उन्हें युवा निर्देशकों के साथ काम करना पसंद रहा है, "सच में देखें तो यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं, मेरा अनुमान है कि जिस तरह की फिल्मों में मुझे दिलचस्पी है वो ज्यादातर युवा निर्देशक ही बना रहे हैं. श्याम बेनेगल ने इसकी शुरुआत की थी, इसी तरह विनोद चोपड़ा, कुंदन शाह और सईद मिर्जा भी थे. मेरे लिए यह कोई असामान्य बात नहीं."

रिपोर्टः पीटीआई/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह