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पश्चिमी कंपनियां बेचती हैं तानाशाहियों को जासूसी सॉफ्टवेयर

२८ दिसम्बर २०११

दुनिया भर में निरंकुश सरकारें इंटरनेट पर अपने विरोधियों पर नजर रखती हैं. और इसमें अक्सर उन्हें मदद मिलती है पश्चिमी देशों की कंपनियों से. ईरान या सीरिया के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध इसे रोकने में विफल रहे हैं.

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तस्वीर: Fotolia/alphaspirit

एक अमेरिकी कंपनी सीरिया की सरकार को विरोधियों को खोज निकालने वाला सॉफ्टवेयर बेच रही है, हालांकि अमेरिकी सरकार ने दमिश्क पर प्रतिबंध लगा रखे हैं. एक इस्राएली कंपनी ईरान शासन को डेनमार्क के रास्ते एक जासूसी सॉफ्टवेयर दे रही है, हालांकि इस्राएल की कंपनियों पर जानी दुश्मन तेहरान के साथ कारोबार करने पर प्रतिबंध है. मुबारक और गद्दाफी शासन के गिरने के बाद वहां कि खुफिया एजेंसियों में यूरोप की इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों के साथ ऐसी मशीनों को खरीदने के कांट्रैक्ट मिले हैं, जो इंटरनेट पर निगरानी रखने में उनकी मदद करते. अक्सर ऐसी रिपोर्टें मिलती हैं कि विरोधियों पर नजर रखने के लिए तानाशाही सरकारें पश्चिमी टेक्नॉलॉजी कंपनियों पर कितना भरोसा कर सकती हैं.

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तस्वीर: Fotolia/Kobes

पश्चिम और निरंकुश सरकारों की सांठगांठ

अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनीवर्सिटी के प्रो. एवगेनी मोरोसोव अलग सोचने वालों के दमन में पश्चिमी सॉफ्टवेयर कंपनियों और तानाशाही सरकारों की सांठगांठ को नारकीय विवाह बताते हैं. इटली की एरिया एसपीए कंपनी पर पिछले महीनों में दमिश्क ने एक सॉप्टवेयर प्रोजेक्ट को जल्दी से लागू करने के लिए दबाव डाला है. ब्लूमबर्ग समाचार एजेंसी ने एक कर्मचारी के हवाले से कहा है कि सीरिया में विद्रोह शुरू होने के बाद इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कंपनी के इंजीनियरों को अतिरिक्त पालियों में काम करना पड़ा है. एरिया के सॉफ्टवेयर की मदद से सीरियाई अधिकारी सरकार के विरोधियों पर उनके सेल फोन और इंटरनेट डेटा के आधार पर बड़े पर्दे पर नजर रख पाएंगे.

दिलचस्प बात यह है कि इटली की कंपनी अमेरिकी सऑफ्टवेयर नेटऐप का भी इस्तेमाल करती है जबकि प्रतिबंधों के कारण इसे सीरिया को बेचा ही नहीं जाना चाहिए. एक जर्मन कंपनी अल्टीमाको भी इटली की कंपनी की सप्लायर है. दूसरी कंपनियां भी ऐसा कर रही है. इस्राएली कंपनी अलॉट ने डेनमार्क की एक कंपनी के जरिए ईरान को सॉफ्टवेयर बेचा है. इसकी मदद से ईमेल पढ़े जा सकते हैं.

आसान है जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदना

पश्चिमी देशों में सॉफ्टवेयर के निर्यात पर नियंत्रण बहुत ढीला है.मोरोसोव की शिकायत है कि कोई नहीं पूछता कि आखिरकार अंतिम खरीदार कौन है. खुद निरंकुश शासन वाले बेलारूस से आने वाले मोरोसोव कहते हैं, "तानाशाही शासनों के लिए अमेरिका में बैंक खाता खोलने से बहुत ज्यादा आसान है निगरानी सॉफ्टवेयर खरीदना." वे जर्मनी की केओस कंप्यूटर क्लब के वार्षिक जलसे के मुख्य वक्ता हैं. यह क्लब जर्मनी का सबसे जाना माना हैकर क्लब है और सरकार भी उससे सुरक्षा के मामलों में सलाह लेती है. जर्मनी का संवैधानिक न्यायालय भी उसके सदस्यों को विशेषज्ञ के रूप में बुलाता है. यह क्लब जर्मनी में पुलिस और खुफिया सेवाओं द्वारा इंटरनेट डेटा को जमा रखे जाने के खिलाफ है.

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तस्वीर: Picture-Alliance/KEYSTONE

मिस्र में मुबारक के पतन के बाद खुफिया एजेंसी के दफ्तर में एक दस्तावेज मिला था जो दिखाते हैं कि यूरोपीय कंपनी ने मिस्र को एक ट्रोजन बेचने की पेशकश की थी जिसकी मदद से विद्रोहियों की जासूसी की जा सकती थी. उसके बाद जर्मनी में तानाशाही सरकारों को सॉफ्टवेयर बेचने के मुद्दे पर फिर से विवाद शुरू हो गया है. केओस क्लब की प्रवक्ता कोंसटांसे कुर्त्स की मांग है कि सॉफ्टवेयर के निर्यात के लिए हथियारों के निर्यात जैसे कानून बनाए जाने चाहिए. उनका कहना है कि यह पता करना बहुत आसान है कि किन सॉफ्टवेयरों की बिक्री पर रोक होनी चाहिए. उनकी संख्या बहुत कम है और प्रतिबंध से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान भी नहीं होगा.

एक सीमा तक बर्दाश्त करने की मांग

इंटरनेट विशेषज्ञ एवगेनी मोरोसोव को इसमें संदेह है. वे कहते हैं कि यदि प्रतिबंध सख्त हों, तो जैसा कि सीरिया में नेटऐप का मामला दिखाता है, उसकी सफलता की संभावना कम है. और यदि वह व्यापक है तो उसका निशाना सामान्य यूजर बनेंगे. अमेरिका ने जब से अपने प्रतिबंध कड़े किए हैं सीरिया में स्काइप के ग्राहकों को टेलिफोन करने के लिए पैसा जमा करने में मुश्किल आ रही है. स्काइप को अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता है और इसलिए विदेशों में फोन करने के लिए उसका अक्सर इस्तेमाल भी किया जाता है.

इसलिए मोरोसोव सॉफ्टवेयर के निर्यात पर प्रतिबंध के बदले पश्चिमी समाजों में सोच में बदलाव की मांग करते हैं. उनका कहना है कि जिन सॉफ्टवेयरों को तानाशाह सरकारें खरीदना चाहती हैं, उन्हें आम तौर पर पश्चिमी देशों में घरेलू बाजार के लिए बनाया गया है ताकि पुलिस और खुफिया सेवा को साइबर अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिले. मोरोसोव कहते हैं, "सॉफ्टवेयर बनाने वाले देशों में निगरानी टेक्नॉलॉजी की मांग पर रोक लगनी चाहिए." पश्चिमी देशों को इंटरनेट में पूरी सुरक्षा का विचार त्याग देना चाहिए. वे कहते हैं कि हर घर और हर कोने में कैमरा लगाकर हम वास्तविक जीवन में भी अपराध को मिटा सकते हैं, "लेकिन हम ऐसा नहीं करते. उसके बदले में हम अपराध के एक स्तर को बर्दाश्त करते हैं."

रिपोर्ट: मथियास बोएलिंगर/मझा

संपादक: एन रंजन