पश्चिमी चीन में दंगे, 12 की मौत
२९ फ़रवरी २०१२सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने चश्मदीदों के हवाले से लिखा, "एक हिंसक भीड़ ने येचेंग जिले के शिनफू मार्ग पर लोगों की हत्या की." एजेंसी के मुताबिक पुलिस कम से कम दो हमलावरों को गोलियों से मार चुकी है और दंगे में हिस्सा लेने वाले बाकी लोगों को खोज रही है.
अमेरिका से प्रसारण कर रहे रेडियो फ्री एशिया ने इस बीच कहा है कि उसे शिनजियांग में रह रहे उइगुर समुदाय के एक व्यक्ति से ईमेल मिला है. इस व्यक्ति का कहना है कि हिंसा तब शुरू हुई जब हान चीनी मूल के तीन व्यक्तियों ने येचेंग के एक बाजार में कुछ लोगों को गालियां दीं. कुछ देर बाद इलाके में सुरक्षा बल के कर्मचारी पहुंचे और उन्होंने भीड़ में शामिल 12 लोगों को मार दिया. माना जा रहा है कि यह 12 लोग उइगुर समुदाय के थे. चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक स्थानीय सरकार का कहना है कि "शुरुआती हमलों के पीछे आतंकवादियों का हाथ था."
इस बीच अमेरिका में उइगुर संगठन के प्रमुख अलीम सेटॉफ ने कहा है कि चीन सरकार के इस दावे को पुख्ता करने के लिए कोई सबूत नहीं हैं. इस हफ्ते के अंत में चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों और संसद की सालाना बैठक होनी है. इसलिए देश में सुरक्षा कड़ी की जा रही है.
शिनजियांग प्रांत की आबादी दो करोड़ है और यहां ज्यादातर उइगुर मूल के लोग रहते हैं. प्राकृतिक संसाधनों के कारण चीन की सरकार इस प्रांत पर नजरें टिकाए हैं. पिछले दशक में केंद्रीय चीन से हजारों हान चीनी लोग यहां बस गए हैं जिसे उइगुर खतरे के रूप में देखते हैं. सरकार स्थानीय उइगुर लोगों को अपनी नीतियों और आर्थिक कार्यक्रमों के जरिए लुभाने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता को अपने इलाके में पुलिस की मौजूदगी और उनके धर्म पर सरकारी नियंत्रण से आपत्ति है. उइगुर ज्यादातर मुस्लिम होते हैं.
येंचेंग प्रांत शिनजियांग के दक्षिणी तकलामकान रेगिस्तान पर है. यह शिनजियांग का सबसे गरीब इलाका माना जाता है. येचेंग चीन के पश्चिमी शहर काशगर से 200 किलोमीटर की दूरी पर है और पाकिस्तानी सरहद के बिलकुल पास है. शिनजियांग सामाजिक विज्ञान अकादमी के प्रोफेसर तुरगुंजन तुरसुन कहते हैं कि पाकिस्तान से इसकी निकटता के कारण येचेंग राजनीतिक और कूटनीतिक तौर पर एक बहुत ही संवेदनशील इलाका है. 2009 में शिनजियांग की राजधानी उरुम्ची और आसपास के इलाकों में उइगुर समुदाय के हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इनमें 200 लोगों की मौत हुई और लगभग 1700 घायल हुए.
रिपोर्टः डीपीए,एपी/एमजी
संपादनः आभा एम