पहले खजाना संभालो, फिर और निकालो
८ जुलाई २०११केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के पांच तहखाने खोले जा चुके हैं, जिनमें से एक हजार अरब रुपये का खजाना मिला है. अब सुप्रीम कोर्ट ने इसके छठे और आखरी तहखाने को खोलने पर रोक लगा दी है. अदालत का कहना है कि जब तक निकाले गए खजाने को ठीक तरह से संभाल नहीं लिया जाता और इसके एक हिस्से को संग्रहालय में रखने के लिए कोई क्यूरेटर नहीं मिल जाता तब तक छठे तहखाने को नहीं खोला जाएगा.
मंदिर के प्रवक्ता बीके हरिकुमार ने बताया कि मंदिर प्रशासन उम्मीद कर रहा था कि शुक्रवार को अदालत तहखाने को खोलने के आदेश देगी. इसलिए मंदिर के चारों तरफ सुरक्षा और भी कड़ी की गई. लेकिन एक स्थानीय वकील की दरखास्त पर अदालत ने तहखाना ना खोलने के आदेश दिए. इस वकील ने याचिका दायर की थी कि मंदिर को दी गई सुरक्षा काफी नहीं है.
किसे मिलेगा खजाना?
दक्षिण भारत के एक पुराने शाही परिवार ने खजाने पर अधिकार जताने से मन कर दिया है. ऐसा माना जा रहा था कि दक्षिण भारत के जिस राजा के शासन में इस मंदिर का निर्माण हुआ, उस परिवार के लोग खजाने पर हक जाता सकते हैं. लेकिन शुक्रवार को परिवार के वकील केके वेणुगोपाल ने अदालत में कहा, "शाही परिवार किसी भी चीज पर अपना हक नहीं जताएगा. खजाने का कोई भी हिस्सा इस परिवार की संपत्ति नहीं है." वेणुगोपाल ने कहा कि परिवार के मुखिया मार्थंदा वर्मा का कहना है कि इस खजाने की रकम को किसी नेक काम में लगाना चाहिए और इस से अस्पताल या स्कूल बनने चाहिए.
इसी हफ्ते अदालत ने 'आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया' को खजाना निकालने की पूरी प्रक्रिया को फिल्म पर उतारने के आदेश दिए थे. इस मामले में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी. यह मंदिर 16वीं शताब्दी में बनाया गया था और पिछले 150 सालों से इसके तहखानों को खोला नहीं गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ ईशा भाटिया
संपादन: आभा एम