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पाक ने कहा अफगान सीमा सील करो

११ अगस्त २०१२

पाकिस्तान, अफगानिस्तान में नाटो पर हमला करने वाले हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई के लिए तैयार है, लेकिन उसने अमेरिका से कहा है कि उत्तरी वजीरिस्तान में कार्रवाई से पहले सीमा को सील करना होगा.

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तस्वीर: ANJUM NAVEED/AP/dapd

हक्कानी नेटवर्क पर अफगानिस्तान में कई घातक हमलों के लिए आरोप लगे हैं और अमेरिका समझता है कि उसके नेता पाकिस्तान के कबायली इलाके में छुपे हुए हैं. यह मामला पिछले महीनों में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच गहरे विवाद का मुद्दा रहा है. एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा है, "अमेरिकियों को बार बार कहा गया है कि उत्तरी वजीरिस्तान में जब भी ऑपरेशन शुरू किया जाता है, उन्हें अफगानिस्तान की ओर से सीमा को सील करना होगा." इस अधिकारी का कहना है कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो उग्रपंथी अफगानिस्तान में भाग जाएंगे जहां पाकिस्तान का कोई नियंत्रण नहीं है.

Pakistan will offenbar Blockade des NATO-Nachschubs beenden
तस्वीर: dapd

पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि अमेरिका इस मामले में कभी उत्साहजनक नहीं रहा है. पाकिस्तान का आरोप है कि उत्तरी वजीरिस्तान में दो बार पहले जब ऑपरेशन की योजना बनाई गई तो अमेरिकी सैनिक सीमा को सील करने में विफल रहे. इस महीने के शुरू में वाल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट दी थी कि पाकिस्तानी और अमेरिकी अधिकारी हक्कानी नेटवर्क और पाकिस्तान पर हमला करने वाले तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान, पाकिस्तान में संयुक्त अभियान चलाने पर विचार कर रहे हैं.

इस तरह का अभियान पिछले एक साल से चल रहे विवाद के बीच दोनों देशों में आतंकवाद विरोधी सहयोग का एक नया अध्याय होता. लेकिन बाद में पाकिस्तानी अधिकारियों ने अमेरिका के साथ उत्तरी वजीरिस्तान में संयुक्त अभियान पर कोई सहमति होने से इंकार किया. अमेरिका लंबे समय से पाकिस्तान से हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहा है. अमेरिका उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से जुड़ा बताता है और उसका आरोप है कि हक्कानी नेटवर्क ने पिछले साल सितंबर में अमेरिकी दूतावास पर हमला किया था.

Dschalaluddin Haqqani
जलालुद्दीन हक्कानीतस्वीर: AP

बदले में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और अमेरिकी सेना से मांग की है कि वह पाकिस्तानी तालिबान को सीमा के अंदर आने से रोकने के लिए प्रयास बढ़ाए. पाकिस्तानी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि पिछले हफ्ते आईएसआई प्रमुख जहीर उल इस्लाम के वाशिंगटन दौरे पर खुलकर बात हुई. एक साल में पहले दौरे पर इस्लाम और सीआईए के प्रमुख डेविड पेट्रियस ने उन मुद्दों पर चर्चा की जिनकी वजह से दोनों देशों के रिश्तों में मुश्किलें पैदा हुई हैं.

पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, "अमेरिकियों को साफ साफ बता दिया गया कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर किसी भी ऑपरेशन के लिए अमेरिकी बूटों के आने की इजाजत नहीं देगा, और जब भी कोई कार्रवाई की जाएगी वह हमारे हाथों की जाएगी." पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि इस समय वह उत्तरी वजीरिस्तान में कोई कार्रवाई नहीं करेगा क्योंकि उसका नकारात्मक असर होगा. इसके अलावा पाकिस्तान ने अमेरिका से ड्रोन हमलों को भी रोकने की मांग की है.

पाकिस्तान में बहुत से लोग अमेरिका पर आरोप लगाते हैं कि वह अफगानिस्तान में 10 साल के युद्ध में अपनी विफलता छुपाने के लिए पाकिस्तान से कार्रवाई करने की मांग कर रहा है. पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनीतिक समीक्षक हसन असकरी कहते हैं, "यदि पाकिस्तान संयुक्त सैनिक अभियान के लिए राजी हो जाए तो मुझे आश्चर्य होगा."

एमजे/एनआर (एएफपी)

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