पाक ने परमाणु हथियारों पर ठुकराई अमेरिकी रिपोर्ट
७ नवम्बर २०११अमेरिका की दो पत्रिकाओं ने शुक्रवार को खबर दी कि पाकिस्तान ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से बचाने के लिए अपने परमाणु हथियारों को कम सुरक्षा वाली गाड़ियों में व्यस्त सड़कों से दूसरे जगहों पर ले जाना शुरू कर दिया है. इस तरह हथियारों के चरमपंथियों के हाथों में पड़ने का खतरा है.
द अटलांटिक और नेशनल जरनल ने अपनी साझा रिपोर्ट में गुमनाम सूत्रों के हवाले से कहा है कि मई में पाकिस्तान शहर एबटाबाद में अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत से पाकिस्तान के इस डर को मजबूती मिली है कि अमेरिका उसके परमाणु हथियारों को को निष्क्रिय करने की कोशिश कर सकता है.
रिपोर्ट का खंडन
लेकिन पाकिस्तान विदेशी मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि यह रिपोर्ट "पूरी तरह मनगढंत और बेबुनियाद है. यह जानबूझ कर किए जा रहे दुष्प्रचार का हिस्सा है ताकि जनमत को गुमराह किया जा सके." पाकिस्तान बराबर इन चिंताओं को खारिज करता रहा है कि उसके परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं हैं. विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, इस तरह की मुहिम कोई नई बात नहीं है. पाकिस्तान के विरोधी हल्के इस तरह की मुहिमों को लगातार हवा देते रहे हैं."
मंत्रालय के मुताबिक, "पाकिस्तान अपनी रक्षा करने में सक्षम है. किसी को भी पाकिस्तान की इच्छाशक्ति और अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने की उसकी काबलियत को कम करके नहीं आंकना चाहिए."
सुरक्षा की समस्या
रिपोर्ट के मुताबकि बिन लादेन की मौत के बाद पाकिस्तानी परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार स्ट्रैटजिक प्लांस डिविजन (एसपीडी) को आदेश दिया गया कि वह परमाणु हथियारों और उनकी जगह को अमेरिका से गोपनीय रखने के लिए कदम उठाए. एसपीडी का नेतृत्व करने वाले रिटायर्ड जनरल खालिद किदवई ने परमाणु हथियारों के हिस्सों को अलग अलग जगह भेजने की अपनी कोशिशें तेज कर दीं.
रिपोर्ट कहती है कि परमाणु हथियारों के हिस्सों को उचित सुरक्षा वाले काफिले में एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की बजाय उन्हें कम सुरक्षा वाली गाड़ियों व्यस्त सड़कों से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया जबकि उन हथियारों में से हर एक शहर को उड़ाने के लिए काफी है.
अमेरिकी रिपोर्ट कहती है कि जिस तेजी से परमाणु हथियारों को दूसरी जगहों पर ले जाया गया है, उससे अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन में भी चिंताएं बढ़ गई हैं. अमेरिकी पत्रिकाओं की यह रिपोर्ट दर्जनों इंटरव्यूओं पर आधारित है और कहती है कि अमेरिकी सेना लंबे समय से पाकिस्तानी परमाणु हथियारों को निष्क्रिय करने की योजना पर अमल कर रही है.
रिपोर्ट: एएफपी/ए कुमार
संपादन: आभा एम