पाक सूफी दरगाह पर धमाकों में 41 की मौत
३ अप्रैल २०११स्थानीय पुलिस ने जानकारी दी है कि रविवार शाम को हुए इन धमाकों में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 41 हो गई है. डेरा गाजी खान के पुलिस अधिकारी जाहिद अली ने बताया, "यह आत्मघाती बम धमाके थे और हमने एक खुदकुश हमलावर को पकड़ लिया है जो अपने शरीर पर बंधे बम का विस्फोट नहीं कर पाया था." रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने तालिबान के प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान के हवाले से लिखा है, "हमारे लोगों ने यह धमाका किया. हम आगे तब तक ऐसे और हमले करेंगे जब तक सरकार पश्चिमोत्तर इलाके में हमारे लोगों पर कार्रवाई नहीं रोकती."
धमाकों के कुछ घंटों बाद ही तालिबान ने इनकी जिम्मेदारी ली है. कट्टरपंथी मुस्लिम इस्लाम की सूफी विचारधारा के विरोधी हैं. इसीलिए पाकिस्तान में सूफी दरगाहों को कई बार निशाना बनाया जा चुका है.
डेरा गाजी खान के अधिकारी इफ्तिखार साहू ने बताया कि पहला धमाका दरगाह के बाहर हुआ. जैसे ही राहत काम शुरू हुए. दो और धमाके दरगाह के अंदर हुए हैं. पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर बुरी तरह घायल लोगों और मृतकों के वीडियो दिखाए गए हैं. एक राहतकर्मी ने जियो टीवी को बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि घायलों में 32 लोगों की हालत गंभीर है. विपक्ष के नेता अवैस लेघारी ने खराब सुरक्षा व्यवस्था को धमाके का कारण बताया है.
सखी सरवर के नाम से मशहूर सूफी संत अहमद सुल्तान के जन्मदिन के मौके पर इस दरगाह में तीन दिवसीय समारोह होना है जिसके लिए कई लोग यहां इकट्ठा हुए.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार