पाकिस्तान अब भी अमेरिकी सहयोगी हैः व्हाइट हाउस
२८ अप्रैल २०११वॉल स्ट्रीट जनरल में छपी रिपोर्ट के बारे में जब व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "पाकिस्तान अब भी अमेरिका का सहयोगी है." अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 16 अप्रैल को काबुल में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात कर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पाला बदलने को कहा. उन्होंने करजई को सलाह दी कि वह तालिबान से शांति समझौते और अर्थव्यवस्था को बेहतर करने में चीन की मदद मांग सकते हैं. गिलानी के इस अफगान दौरे में पाकिस्तान के ताकतवर सेना प्रमुख जनरल अश्फाक परवेज कियानी और खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा भी साथ थे.
अफगान अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि गिलानी ने कहा कि दोनों ही देशों को अमेरिका ने नाकाम बनाया है, इसलिए करजई को अपने देश में लंबे समय तक अमेरिकी सेना की मौजूदगी की अनुमति नहीं देनी चाहिए. एक अन्य सवाल के जवाब में कार्नी ने कहा कि जुलाई से अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी शुरू करने वाली योजना पर अमल चल रहा है.
गिलानी का इनकार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गिलानी ने अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट को गलत बताया है. उन्होंने बुधवार को देश की संसद में इस बारे में बयान दिया. सांसदों की तरफ से सवाल किए जाने पर गिलानी ने कहा कि उन्हें अटकलबाजियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और सरकार पर भरोसा करना चाहिए.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भी वॉल स्ट्रीट जनरल की खबर को बेबुनियाद बताया है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तहमीना जानजुआ ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिरता, शांति और सौहार्द्र को बढ़ावा देने में अमेरिका की अहम भूमिका है और पाकिस्तान इस बात को मानता है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अफगानों के नेतृत्व में शांति और मेलजोल की कोशिशों को पाकिस्तान पूरा समर्थन देता है.
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने बताया कि अगले महीने इस्लामाबाद में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अमेरिका के अधिकारियों की एक बैठक होने वाली है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह