पाकिस्तान की नाराज़गी ठीक नहीं: बीसीसीआई
२२ जनवरी २०१०आईपीएल के तीसरे सीज़न के लिए पाकिस्तान के 11 खिलाड़ियों में से किसी की भी बोली नहीं लगी. इस बात को लेकर पाकिस्तान में बहुत ग़ुस्सा है. कई शहरों में आईपीएल के कर्ताधर्ता ललित मोदी के पुतले फूंके गए. साथ ही पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने विरोध के तौर पर अपना शिष्टमंडल भारत न भेजने का फ़ैसला किया है.
वहीं आईपीएल की चेन्नई सुपर किंग्स टीम के मालिक और बीसीसीआई के सचिव एन श्रीनिवासन का कहना है कि इस बारे में इतना नाराज़ होने की ज़रूरत नहीं है. वह कहते हैं, "टीमों की बदली ज़रूरत और खिलाड़ियों की उपलब्धता ने बोली के दौरान अहम भूमिका अदा की."
बोली के दौरान लगभग 66 खिलाड़ी आए, जबकि सिर्फ़ 11 खिलाड़ी लिए जाने थे. वेस्ट इंडीज़ के किरोन एड्रियान पोलार्ड मुंबई इंडियंस टीम में शामिल हुए हैं. हालांकि यह नहीं बताया गया है कि उन्हें कितनी फ़ीस पर लिया गया, लेकिन यह उनकी एक सीज़न की फ़ीस साढ़े सात लाख डॉलर से ज़्यादा ही है.
श्रीनिवासन ने कहा, "55 खिलाड़ी थे जिन्हें बोली के दौरान निराशा हाथ लगी. मुझे नहीं लगता कि ऐसे में किसी को राष्ट्रीयता देखनी चाहिए. मालिक टीम और खिलाड़ियों पर अच्छा ख़ासा पैसा लगा रहे हैं. अब उन्हें अपनी पसंद के खिलाड़ी चुनने का अधिकार तो होना ही चाहिए. आख़िरकार यह उनका पैसा है."
बीसीसीआई अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को न लिए जाने के पीछे क्रिकेट बोर्ड या सरकार का हाथ है. श्रीनिवासन ने कहा, "बीसीसीआई की इसमें कोई भूमिका नहीं है. और टीम मालिकों की पसंद का सरकार की नीति के साथ घालमेल नहीं करना चाहिए." पाकिस्तान टी20 वर्ल्ड चैंपियन है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार