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पाकिस्तान को मदद रोकने का संशोधन गिरा

२२ जुलाई २०११

अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता पूरी तरह बंद करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है लेकिन सांसदों और एक सेनाधिकारी ने चरमपंथियों के साथ उसके संबंधों पर फिर से दबाव बनाने की मांग की है.

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तस्वीर: Abdul Sabooh

विदेशी मामलों की समिति ने एक बिल में संशोधन के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इस प्रस्ताव के पास होने से पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायता बंद हो जाती. 5 सासंदों ने संशोधन का समर्थन किया जबकि समिति के 39 अन्य सदस्यों ने रिपब्लिकन प्रतिनिधि डाना रोहरबाखर के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.

रोहरबाखर ने पाकिस्तान को ऐसे समय में दी जाने वाली सहायता को मूर्खता बताया, जब अमेरिका भुगतान न करने की हालत में जाने से बचने की कोशिश कर रहा है. रोहरबाखर ने कहा, "समय आ गया है कि हम उन्हें सबसिडी देना बंद करें जो हमारा सक्रिय विरोध करते हैं. पाकिस्तान ने दिखाया है कि वह हमारा साथी नहीं है."

मदद के लिए सख्त शर्तें

संशोधन के विफल हो जाने के बावजूद अपने वर्तमान रूप में भी यह कानून सहायता पर कड़े नियंत्रण लगाता है. अब नागरिक सहायता पाकिस्तान में नापी जा सकने वाली प्रगति पर निर्भर करेगी. अमेरिकी अधिकारी लंबे समय से कट्टरपंथियों के साथ पाकिस्तानी खुफिया सेवा के संबंधों पर सवाल उठाते रहे हैं. इनमें अफगानिस्तान में अल कायदा से जुड़ा हक्कानी नेटवर्क और भारत विरोधी लश्कर ए तैयबा शामिल हैं जिस पर 2008 में मुबंई पर घातक आतंकी हमला करवाने का आरोप है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.

Flash-Galerie General Martin Dempsey
एडमिरल जेम्स विनफेल्ड(दाएं)तस्वीर: AP

अमेरिकी सेना में नंबर दो पद के लिए नियुक्त एडमिरल जेम्स विनफेल्ड ने पाकिस्तान को अत्यंत मुश्किल साथी बताया. सीनेट में नियुक्ति सुनवाई का जवाब देते हुए विनफेल्ड ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्षों पहले पाकिस्तान ने अपने राष्ट्रीय हित की सुरक्षा की अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए प्रॉक्सी गुटों को इस्तेमाल करने का जोखिम भरा फैसला लिया." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर दबाव के सभी तत्वों का इस्तेमाल करते हुए दबाव जारी रखे जाने की जरूरत है, ताकि उन्हें महसूस कराया जा सके कि हक्कानी नेटवर्क उनके देश के लिए भी खतरा है और वे कदम उठाएं जो हमने उनसे करने को कहा है. राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने पिछले दिनों पाकिस्तान को दी जाने वाली 2.7 अरब डॉलर की सहायता के एक तिहाई पर रोक लगा दी है.

संबंधों में नए तनाव

उधर अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को गुलाम नबी फाई को गिरफ्तार कर लिया है जो सालों से कश्मीर विवाद पर पाकिस्तान के रुख को भड़ावा देते रहे हैं. उन पर और जहीर अहमद पर आईएसआई से लाखों डॉलर धन लेने का आरोप लगाया गया है जो अमेरिकी कानून का उल्लंघन है. भारतीय कश्मीर में अलगाववादी संगठनों ने फाई की गिरफ्तारी की निंदा की है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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