पाकिस्तान में भारत के न्योते का स्वागत
२६ मार्च २०११मोहाली में खेले जाने वाले वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के मुकाबले में भारत और पाकिस्तान का आमना सामना होना है. मैच देखने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी जा रहे हैं. मनमोहन की ख्वाहिश है कि आसिफ अली जरदारी और यूसुफ रजा गिलानी भी उनके साथ यह मैच देखें. शुक्रवार को मनमोहन ने जरदारी और गिलानी को न्योता भेजा.
पाकिस्तान ने भारतीय प्रधानमंत्री के न्योते की सराहना की है. पाकिस्तानी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर ने कहा, ''हम न्योते का स्वागत करते हैं. प्रधानमंत्री अभी देश से बाहर हैं. उनके ताशकंद से वापस आने के बाद इस बारे में फैसला किया जाएगा.''
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी शनिवार को इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं. वैसे गिलानी को शुक्रवार को ही लौटना था लेकिन हिमालय के ऊपर मौसम खराब होने की वजह से फ्लाइट रद्द करनी पड़ी.
सूत्रों का कहना है कि किसी भी फैसले से पहले दोनों देशों का विदेश विभाग न्योते पर बातचीत करेगा. शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री की चिट्ठी का जिक्र करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया. खत में मनमोहन ने कहा है, ''मुझे आपको मोहाली आने और मेरे और दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमियों के साथ साथ मैच देखने का न्योता देते हुए बड़ी खुशी हो रही है.''
राजनीति की भाषा में मनमोहन के न्योते को क्रिकेट कूटनीति कहा जा रहा है. अगर पाकिस्तानी नेता न्योते को स्वीकार करते हैं तो 2008 के मुंबई हमलों के बाद यह पहला मौका होगा, जब आपसी कोशिशों के जरिए दोनों देश शीर्ष स्तर पर बातचीत करेंगे. पाकिस्तान ने उम्मीद जताई है कि मोहाली के मैच से दोनों देशों के क्रिकेट संबंध बहाल होंगे.
वैसे यह पहला मामला नहीं है जब क्रिकेट के जरिए रिश्ते सुधारने की कोशिश की गई है. इस न्योते से पहले जिया उल हक और परवेज मुशर्रफ भी भारत मैच देखने आ चुके हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य