पाकिस्तान में मंत्रिमंडल का इस्तीफा
९ फ़रवरी २०११प्रधानमंत्री गिलानी ने बताया, "आज मौजूदा मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक होगी." एक सरकारी वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को इस्तीफे सौंप दिए हैं. अब प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल को भंग कर नए सिरे इसका गठन करेंगे जिसका आकार छोटा रहेगा.
नाम न जाहिर करने की शर्त पर इस अधिकारी ने बताया, "अब प्रधानमंत्री इन इस्तीफों को राष्ट्रपति को भेजेंगे. राष्ट्रपति की ओर से इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद मंत्रिमंडल भंग हो जाएगा." संघीय सरकार में मंत्रियों की संख्या 60 से घटाकर 40 किए जाने का प्रस्ताव है.
पाकिस्तान में खर्चों की कटौती के लिए सरकार पहले ही इस बात पर राजी हो चुकी थी कि मंत्रियों की संख्या घटाई जाएगी. इस मामले में प्रधानमंत्री को नए मंत्रियों के बारे में फैसले लेने के लिए खुला हाथ देने के लिए ही कैबिनेट के सभी सदस्यों ने इस्तीफा दिया है ताकि नए सिरे से मंत्रिमंडल बनाया जा सके.
सत्ताधारी पीपीपी पार्टी पर मुख्य विपक्षी दल पीएमएल-एन और आईएमएफ जैसे मददगार अंतरराष्ट्रीय संगठनों की तरफ से राजनीतिक सुधारों का दबाव बना हुआ है. विपक्ष की मांग है कि केंद्रीय कैबिनेट का आकार कम किया जाए और सरकारी खर्चों में भारी कटौती की जाए. पीएमएल-एन ने पिछले महीने सुधारों के लिए 10 मांगों का एक एजेंडा पीपीपी को सौंपा था जिसे मंजूर कर लिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की मांग है कि उसके एजेंडे को 20 फरवरी से पहले लागू किया जाए.
इसके अलावा पाकिस्तान को मदद देने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन भी व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं. अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान से सरकारी खर्चे घटाने और कर सुधार लागू करने को कहा है. पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद जारी रखने के बदले इन सुधारों को जल्द से जल्द लागू करने की शर्त रखी गई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल