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पाकिस्तानी महिला वैज्ञानिक दोषी क़रार

४ फ़रवरी २०१०

न्यूयॉर्क की एक अदालत ने पाकिस्तानी महिला वैज्ञानिक को अमेरिकी नागरिकों की हत्या की कोशिश का दोषी करार दिया है. पाकिस्तान ने फ़ैसले पर नाराज़गी जताई. सामने आई होनहार छात्रा और तीन बच्चों की मां आफ़िया की दर्द भरी कहानी.

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आफ़िया सिद्दिक़ीतस्वीर: AP

आफ़िया पर आरोप हैं कि उन्होंने अफ़ग़ान पुलिस स्टेशन में राइफ़ल छीनी और अमेरिकी नागिरकों को मारने की कोशिश की. यह घटना 2008 में हुई थी, तब अमेरिकी अधिकारी आफ़िया से अफ़ग़ानिस्तान के एक पुलिस स्टेशन में पूछताछ कर रहे थे.

आफ़िया के लिए यह एक राहत की बात है कि उन्हें आतंकवाद के मामले से दूर रखा गया है. अभियोजन पक्ष की दलील थी कि वह न्यूयॉर्क बम साजिश से भी जुड़ी हो सकती है. अभियोजन पक्ष ने यह साबित करने के लिए हवाई दावे भी किए. उन्हें 'अल क़ायदा लेडी' बताया जाने लगा. न्यूयॉर्क पर हमला करने की साज़िश को लेकर ही 2008 उनकी ग़िरफ़्तारी की गई और उन्हें अमेरिका लाया गया.

आफ़िया के वकीलों और परिवार वालों ने अदालत के फ़ैसले पर नाराज़गी जताई है और इसे पूर्वाग्रह से भरा बताया है. आफ़िया के वकील का कहना है कि उनके ख़िलाफ़ आतंकवाद का कोई मुकदमा ही दर्ज नहीं था लेकिन तब भी उन्हें आतंकवादी की तरह पेश किया गया. वॉशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि आफ़िया को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे.

अदालत की कार्रवाई से इतर मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि 2003 में पाकिस्तान से अपने तीन बच्चों के साथ अचानक लापता हुई आफ़िया को अमेरिकी सेना ने गुप्त ढंग से बंधक बनाया था. आफ़िया के लिए आवाज़ उठाने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक उन्हें पांच साल तक अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सेना के ठिकाने बगराम में क़ैद रखा गया.

आफ़िया के परिवार वालों का भी कहना है कि पाकिस्तान के गज़नी इलाके में जब स्थानीय सुरक्षाकर्मी अमेरिकी इशारों पर अलकायदा के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रहे थे, उसी दौरान आफ़िया लापता हुईं. मामला 2008 में सामने आया और बचाव पक्ष के मुताबिक अपने बच्चों को खोने के बाद आफ़िया मानसिक संतुलन खो चुकी हैं.

अमेरिकी सेना ने इन आरोपों का खंडन किया है. लेकिन आफ़िया ने अदालत में सुनवाई के दौरान एक ही बात कही, ''अगर आपको गुप्त ढंग से ऐसी जगह क़ैद किया जाए, जहां आपके बच्चों को यातनाएं दी जाएं.''

आफ़िया अमेरिका में पढ़ाई कर चुकी हैं. वह एक आला दर्जे की छात्रा थी. आफ़िया के दो बच्चे अब भी लापता हैं. आशंका जताई जाती है कि उनके एक बच्चे की मौत हो चुकी है. सही सलामत बचा उनका 13 साल का बेटा इस वक्त परिवार के साथ कराची में है. अब उनके वकील और मानवाधिकार संगठन ताज़ा फ़ैसले के ख़िलाफ़ ऊपरी अदालत में जाने की तैयारी कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: महेश झा