"पाकिस्तानी सेना और आईएसआई तालिबान के संपर्क में"
१३ मार्च २०१०न्यूयॉर्क टाइम्स ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफ़ाक कियानी और आईएसआई चीफ़ अहमद शुजा पाशा का ज़िक्र करते हुए कहा है कि दोनों भारत को मुख्य दुश्मन मानते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, ''सेना और ख़ुफ़िया एजेंसी अफ़ग़ान तालिबान को भारत के ख़िलाफ़ हथियार के रूप में अपनी जेब में रखते हैं और अब भी अमेरिका से हथियार मांग रहे हैं.''
यह रिपोर्ट काबुल में हुए हालिया हमले के बाद आई है. हमले में 17 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें सात भारतीय थे. अफ़ग़ान सरकार का कहना है कि हमले के पीछे लश्कर ए तैयबा का हाथ है. इन हमलों के बाद भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में अपने काम का दायरा सीमित करने का फ़ैसला किया. इस बात का ख़तरा बना हुआ है कि अफ़ग़ानिस्तान में भारतीय अधिकारियों को आतंकवादी निशाना बना सकते हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछली कई रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा गया है, ''दोनों जनरलों ने पाकिस्तान को परंपरागत बुनियादी रणनीति से अलग नहीं किया है. अफ़ग़ानिस्तान में भारत हितों के ख़िलाफ़ दोनों अफ़गान तालिबान के संपर्क में हैं.''
इन समीकरणों से अमेरिका को ख़ासी चिंता होती है. अमेरिका और नैटो सेनाएं अफ़ग़ानिस्तान से निकलना चाहती है. लेकिन तालिबान कमज़ोर नहीं पड़ रहा है, जिससे पश्चिमी देशों की चिंता अपनी जगह बनी हुई है. पश्चिमी देश चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के संबंध अगर सुधरे तो पाकिस्तानी फ़ौज भारतीय सीमा से हटकर उत्तरी वज़ीरिस्तान में अफ़ग़ान तालिबान के ख़िलाफ़ कार्रवाई में मदद कर सकती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार