पीड़ा के निशानों पर टैटू कला
घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के जख्मों को टैटू की डिजाइन से ढकने और सजाने का काम कर रही है रूस की टैटू आर्टिस्ट येवगीनिया जखार.
जख्मों पर मरहम जैसा
रूसी संसद के निचले सदन डूमा में "स्लैपिंग लॉ" नाम का एक विवादास्पद कानून पास हुआ है. इसके अनुसार अगर कोई आदमी अपनी पत्नी को पीटे लेकिन उससे केवल उसके शरीर पर छीलने के निशान पड़ें, तो उसे अपराधी नहीं समझा जाएगा. टैटू आर्टिस्ट येवगीनिया जखार ऐसी मारपीट की शिकार बनी महिलाओं के जख्मों को छुपाने के लिए मुफ्त में टैटू बनाती हैं.
फीस में मिलती है ग्राहकों की आपबीती
येवगीनिया जखार ने 2016 में अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक विज्ञापन डाला. उन्होंने ब्राजील की एक टैटू आर्टिस्ट से प्रेरणा लेकर खुद भी जख्मों को छुपाने वाले टैटू मुफ्त में बनाने की सुविधा देने का सोचा. उनके पास आने वाले ऐसे लोगों की भरमार हो गई और वे खुद भी उनकी कहानियां सुन सुन कर बहुत तनाव में आ गईं.
जख्म पर दोबारा दर्द उकेरना
गुलदार नाम की यह महिला जब अपने पेट पर टैटू बनवाने पहुंची तो दर्द से सिहर उठी. राजधानी मॉस्को से करीब 1,200 किलोमीटर दूर स्थित शहर ऊफा में काम करने वाली येवगीनिया को हर दिन दो से चार महिलाओं पर टैटू बनाने होते. अब उन्होंने हफ्ते में केवल एक दिन ऐसी महिलाओं के लिए रखा है.
हर साल शिकार होती हजारों औरतें
घरेलू हिंसा की समस्या रूस में बहुत पहले से चली आ रही है. पुलिस अनुमानों के मुताबिक ऐसे करीब 40 फीसदी अपराध परिवारों के अंदर ही होते हैं. केवल 2013 में ही 9,100 रूसी महिलाओं की ऐसी हिंसा के कारण जान चली गई. जबकि 11,300 महिलाओं को गंभीर चोटें आईं.
हिंसा के सबूत
येवगीनिया अपनी एक ग्राहक लील्या के शरीर पर निशान दिखाती हैं. महिलाएं अक्सर कोई फूल या तितली का डिजाइन बनवा कर इन निशानों को ढकती हैं. उनकी ग्राहक इन निशानों को अपनी पसंद के किसी डिजाइन से ढक कर पिटाई से हुई अपनी शर्मिंदगी को कम करने की कोशिश करती हैं.
पुलिस से भी मदद नहीं
येवगीनिया अपनी एक ग्राहक को गले से लगाते हुए. एक साल में ही वे 1,000 से भी अधिक औरतों के लिए टैटू बना चुकी हैं. उनमें से किसी को भी पुरुषों की पिटाई के बाद पुलिस से मदद नहीं मिली थी. (नदीन बैर्गहॉयजेन/आरपी)