पुणे के लड़ाकों ने पंजाब को रौंदा
११ अप्रैल २०११विस्फोटक बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट की कप्तानी में किंग्स इलेवन पंजाब ने टॉस जीतकर बल्लेबाज करने का फैसला किया. लेकिन मुंबई की पिच का मिजाज पंजाब के बल्लेबाजों पर भारी पड़ा. गिलक्रिस्ट और उनके ऑस्ट्रेलियाई साथी शॉन मार्श एक-एक रन बनाकर पैवेलियन लौट पड़े.
पॉल वैल्थी और दिनेश कार्तिक भी कोई कमाल नहीं दिखा सके. कार्तिक तो खाता भी नहीं खोल पाए. महज नौ रन पर पंजाब के चार विकेट गिर गए. पुणे के गेंदबाजों ने शीर्ष क्रम को तबाह कर दिया. अभिषेक नायर और सनी सिंह भी टीम की डूबती नैया को बचा नहीं सके. नौवें ओवर तक स्कोरबोर्ड पर 45 रन ही जुड़ सके थे और छह बल्लेबाज पैवेलियन लौट चुके थे.
साफ हो चुका था कि किंग्स इलेवन पंजाब बुरी तरह हारेगा. लेकिन दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज रायन मैक्लारेन पुणे के सामने डटकर खड़े हो गए. मैक्लारेन ने नाबाद 51 रन की पारी खेली. दूसरे छोर पर विकेट गिरने के बावजूद मैक्लारेन टीम को 112 के स्कोर तक पहुंचाने में कामयाब रहे.
113 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरे पुणे को जीत पाने में कोई खास परेशानी नहीं हुई. हालांकि सलामी बल्लेबाज ग्रैम स्वान पहली गेंद पर बिना खाता खोले वापस निकल लिए. लेकिन जेसी रायडर और मिथुन मनहास ने जीत की उड़ान जारी रखी. रायडर ने 31 और मनहास ने 35 रन बनाए. दोनों के बीच 60 रन की साझेदारी हुई.
बाकी का काम कप्तान युवराज सिंह और विस्फोटक बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने कर दिया. युवराज ने 21 और उथप्पा ने आतिशी अंदाज में 22 रन बनाकर पुणे को सात विकेट से जीत दिला दी. मैच का आर्कषण पुणे के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज श्रींकात वाघ रहे. श्रीकांत ने तीन विकेट चटकाए.
उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया