पुणे धमाके में ख़ुफ़िया नाकामी नहीं:भारत
१४ फ़रवरी २०१०चिदंबरम ने धमाके की जगह और अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा कि पुणे के कोरेगांव पार्क और ओशो आश्रम पर पुलिस की नज़र थी और इस इलाक़े पर हमेशा ध्यान दिया जाता रहा है लेकिन किसी भी आसान लक्ष्य पर चौबीसों घंटे निगरानी नहीं रखी जा सकती.
भारतीय गृह मंत्री ने कहा कि इन इलाक़ों को अपनी सुरक्षा ख़ुद करने के उपाय भी खोजने चाहिए क्योंकि पुलिस हर वक़्त ऐसी जगहों पर आने वाले हर शख़्स के सामान और बैग की तलाशी नहीं ले सकती. उन्होंने कहा, "यह कोई ख़ुफ़िया विभाग की विफलता नहीं है. इस बात का ख़्याल रखिए कि यह कोई बंदूक़धारियों का किया हुआ हमला नहीं, बल्कि चोरी छुपे बैग में बम रख देने की घटना है."
चिदंबरम ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है और इसके लिए जांच टीमें बना दी गई हैं. शनिवार शाम पुणे के जर्मन बेकरी में हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा घायल हो गए. गृह मंत्री ने मारे गए लोगों के परिवार वालों को पांच पांच लाख रुपये देने का एलान किया.
जर्मन बेकरी की रसोई के बाहर एक बैग पड़ा था, जिसे वहां के वेटर ने खोलने की कोशिश की और उसी दौरान विस्फोट हो गया. घटना शनिवार शाम लगभग साढ़े सात बजे की है. इसी इलाक़े में एक इटालियन रेस्त्रां भी है.
रविवार सुबह मौक़े का जायज़ा लेने पहुंचे भारतीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बताया की शुरुआती जांच से पता लगा है कि एक शख़्स ग्राहक बन कर जर्मन बेकरी आया और उसने विस्फोटकों से भरा बैग एक टेबल के नीचे छोड़ दिया.
चिदंबरम के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी पहुंचे. गृह मंत्री ने बताया कि जिस टेबल के नीचे बैग पड़ा था, उस पर बैठे सभी लोग विस्फोट में मारे गए. जांच के लिए फ़ॉरेंसिक एक्सपर्ट को दिल्ली, पुणे और सेना से बुला लिया गया है.
मौक़े का जायज़ा लेने के बाद चिदंबरम ने कहा कि अभी किसी ग्रुप पर हमले का शक़ नहीं जताया जा रहा है और यह भी नहीं कहा जा सकता है कि हमले में किस तरह के विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया. दिल्ली पहुंच कर भारतीय गृह मंत्री एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक करने वाले हैं.
चिदंबरम ने बताया कि अमेरिका में गिरफ़्तार संदिग्ध आतंकवादी डेविड हेडली ने इस इलाक़े का दौरा किया था. उन्होंने कहा कि हमला एक आसान लक्ष्य को बनाया गया है, जहां हर तरह के लोग आते थे और यह किसी ख़ास राष्ट्रीयता के लोगों पर हमला नहीं है.
उन्होंने कहा कि जर्मन बेकरी एक छोटी सी जगह है और हमले के वक्त वहां 66 लोग थे. हमले में ज़्यादातर युवा लोग घायल हुए या मारे गए. पहले लगा कि एलपीजी सिलेंडर फटने से विस्फोट हुआ लेकिन बाद में मामला सामने आया. चिदंबरम ने कहा कि पूरी दुनिया में अब यह नियम की तरह बन गया है कि अनजान चीज़ के सामने आने पर पुलिस को जानकारी दी जाती है. हालांकि इस मामले में ऐसा नहीं हो पाया.
यह पूछे जाने पर कि क्या इस विस्फोट के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित बातचीत पर असर पड़ सकता है, चिदंबरम ने कहा, "मैं यहां राजनयिक या विदेश मामलों पर बयान देने नहीं आया हूं. इन बातों पर दिल्ली में विचार किया जाएगा. मैं जब दिल्ली जाऊंगा तो इस पर बात होगी."
उन्होंने कहा कि नवगठित नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी यानी एनआईए की एक टीम महाराष्ट्र पुलिस को मामले की जांच में मदद करेगी. उन्होंने मीडिया से अपील की कि वह इस मामले में समझदारी से रिपोर्टिंग करे.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल