पूर्व पाक पीएम के चुनाव लड़ने पर रोक
१६ अप्रैल २०१३पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार अशरफ का नामांकन पिछले हफ्ते एक चुनाव अधिकारी ने खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ अशरफ ने अपील दायर की जिसे सोमवार देर शाम खारिज कर दिया गया. चुनाव आयोग के प्रवक्ता इफ्तिखार राजा ने कहा है, "दो जजों के पैनल ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अशरफ की अपील के खिलाफ फैसला सुनाया है." कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि क्या राजा परवेज अशरफ को "निपुण, ईमानदार और भरोसा करने लायक" माना जा सकता है. आयोग ने छानबीन करने के बाद कहा है कि अशरफ योग्यता की शर्तों को पूरा नहीं करते.
चुनाव आयोग के अधिकारी मुहम्मद नवाज ने कहा कि अपील अदालत का फैसला अंतिम है लेकिन अशरफ चाहें तो पहले प्रांतीय हाईकोर्ट और फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं. अशरफ के सहयोगियों ने कहा है कि वो अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को चुनौती देंगे लेकिन मंगलवार दोपहर तक कोई अपील दायर नहीं की गई. पिछले महीने पाकिस्तान सरकार के पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद राजा परवेज अशरफ पद से हट गए थे. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इसी साल की शुरुआत में सड़क बनाने के लिए दिए कुछ ठेकों को रद्द कर दिया था. इन ठेकों को अशरफ ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में मंजूरी दी थी. हाईकोर्ट के मुताबिक इनमें "खुला भ्रष्टाचार" हुआ था.
इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने देश की राष्ट्रीय जवाबदेही विभाग को निर्देश दिया था कि अशरफ को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार करे. ये आरोप उस वक्त के थे जब अशरफ देश के बिजली और पानी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. देश की भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ने कोर्ट की नहीं सुनी और कहा कि यह आदेश गलत सबूतों पर आधारित हैं और वो खुद अपनी तरफ से जांच कर रहे हैं.
सरकार ने देश में बिजली की कमी से निबटने के लिए कई कंपनियों को उनकी सेवा के लिए काम पर लगाया था. अशरफ पर रिश्वत ले कर कंपनियों को काम देने का आरोप है. पूर्व प्रधानमंत्री राष्ट्रीय संसद के लिए पंजाब प्रांत की एक सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. जून 2012 में राजा परवेज अशरफ को यूसुफ रजा गिलानी के पद से हटने पर मजबूर होने के बाद प्रधानमंत्री बनाया गया. यूसुफ रजा गिलानी पर कोर्ट की अवमानना के आरोप लगे. उन्होंने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में जांच कराने के लिए स्विस अधिकारियों को कहने से इनकार कर दिया था.
पाकिस्तान में 11 मई को चुनाव होने हैं. देश के 65 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब एक चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार कार्यकाल पूरा करने के बाद दूसरी चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपेगी. पूर्व सैनिक तानाशाह और राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ भी इन चुनावों में शामिल होने के लिए पाकिस्तान लौटे हैं. उन्होंने चार चुनाव क्षेत्रों में नामांकन दाखिल किया लेकिन उनका नामांकन भी चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया है.
एनआर/एमजे (डीपीए)