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पोंटिंग के संन्यास से सचिन पर दबाव

२१ फ़रवरी २०१२

हालिया क्रिकेट के सफलतम कप्तान ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग के संन्यास के साथ ही क्रिकेट के सर्वोत्तम खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर पर दबाव बढ़ गया है. पोंटिंग को टीम से निकाला गया है, जबकि कपिल चाहते हैं कि सचिन भी अलविदा कहें.

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पोंटिंग का इस्तीफातस्वीर: AP

कप्तान के तौर पर 165 वां वनडे जीतने के अगले ही दिन ऑस्ट्रेलिया ने रिकी पोंटिंग को टीम से निकाल दिया. बल्लेबाज के तौर पर पिछली पांच पारियों में पोंटिंग ने महज 18 रन बनाए थे और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का मानना है कि वह एक खिलाड़ी की जगह घेर कर बैठ गए थे. बोर्ड ने ठंडे बयान में कहा कि भावनाओं का क्रिकेट में कोई काम नहीं और देश का प्रदर्शन किसी खिलाड़ी से बढ़ कर है.

इसके बाद पोंटिंग ने भी शायद जूते टांगने का मन बना लिया था. उन्होंने इसके एक दिन बाद ही वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी लेकिन यह भी साफ कर दिया कि वह टेस्ट मैच खेलते रहेंगे. उनका कहना है, "मैं अभी भी समझता हूं कि मुझ में अभी बहुत क्रिकेट बचा हुआ है लेकिन जब आप लगातार पांच मैचों में रन नहीं बनाते हैं तो चयनकर्ताओं के पास आपको हटाने के लिए एक अच्छी वजह होती है."

खेलते रहेंगे टेस्ट

लगातार तीन बार के वनडे वर्ल्ड कप में खेल चुके 37 साल के पोंटिंग ने अब सारा ध्यान टेस्ट पर लगाने की बात कही है, "मैं टेस्ट मैच खेलता रहूंगा और तस्मानिया के लिए भी खेलूंगा. मुझे लगता है कि मैंने पिछले टेस्ट सीरीज में दिखा दिया है कि मैं अभी भी टेस्ट पर राज कर सकता हूं." भारत के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज में पोंटिंग ने 108 रन की औसत से 544 रन बनाए, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है.

Ricky Ponting
शानदार पोंटिंगतस्वीर: AP

पोंटिंग को लेकर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी पसोपेश में था. 2003 के वर्ल्ड कप में कप्तान के तौर पर 140 रन की यादगार पारी खेलने वाले पोंटिंग को क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ियों में गिना जाता है. सचिन तेंदुलकर के बाद उनके नाम 375 वनडे मैचों में सबसे ज्यादा 13,704 रन हैं. उनके नाम 30 शतक भी हैं. टेस्ट मैचों में भी वह 13000 से ज्यादा रन बना चुके हैं और इस दौरान 41 शतक ठोक चुके हैं.

पोंटिंग का जवाब नहीं

1995 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत करने वाले पोंटिंग उम्र के इस पड़ाव पर भी सुस्त नहीं पड़े हैं. विकेट के आस पास उनकी फील्डिंग का कोई जवाब नहीं और आज भी वह स्पिल में सबसे सुरक्षित हाथों में गिने जाते हैं. पोंटिंग की खेल भावना को लेकर कई बार सवाल जरूर उठे हैं लेकिन जीत को लेकर उनकी ललक ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया का बेहतरीन कप्तान साबित किया है.

पोंटिंग भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के भी मुरीद हैं. इन दोनों को मौजूदा क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ियों में गिना जाता है. लेकिन पोंटिंग की तरह सचिन भी भारी दबाव में गुजर रहे हैं. उनके बल्ले से भी रन नहीं बन रहे हैं और उन पर भी क्रिकेट को अलविदा कह देने का दबाव बढ़ रहा है. भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव ने तो साफ साफ कह दिया है कि सचिन को बिना किसी देरी के संन्यास ले लेना चाहिए.

सचिन पर दबाव

कपिल का कहना है, "हमने पिछले तीन महीने में जो कुछ देखा है, उसे देख कर तो यही लगता है कि उन्हें वर्ल्ड कप के फौरन बाद या उससे भी पहले रिटायर हो जाना चाहिए था. यह जानना जरूरी है कि हर क्रिकेटर का समय होता है. उन्होंने 22-23 साल तक भारत की सेवा की है और इस बात में शक नहीं कि उनसे बड़ा क्रिकेटर कोई नहीं है. लेकिन उन्हें वनडे से तो वर्ल्ड कप के बाद ही रिटायर हो जाना चाहिए था."

Sachin Tendulkar
फेल होते सचिनतस्वीर: AP

सचिन तेंदुलकर के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 99 शतक हैं और वह लगभग एक साल से सौवें शतक की कोशिश में लगे हैं. कई क्रिकेट पंडितों का कहना है कि इस वजह से भी वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. इस सीरीज के पहले पांच मैचों में उन्होंने मात्र 68 रन बनाए हैं, जो सचिन का स्टाइल नहीं रहा है.

रिपोर्टः रॉयटर्स, एएफपी/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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