"पोंटिंग को तो सस्पेंड कर देना चाहिए"
२८ दिसम्बर २०१०सोमवार को एशेज टेस्ट के दूसरे दिन पोंटिंग अंपायरों से उलझ पड़े. उनकी टीम इंग्लैंड के बढ़िया खेल के आगे संघर्ष करने को मजबूर है. और इसकी खीज पोंटिंग के व्यवहार पर भी नजर आई जब वह अंपायर आलीम डार से उलझ गए. केविन पीटरसन को आउट न दिए जाने के बाद पोंटिंग डार की तरफ उंगली दिखाते देखे गए. बाद में वह लेग अंपायर टोनी हिल की तरफ मुड़ गए जबकि उनके बाकी साथियों ने डार को घेर लिया. विडियो अंपायर मरायस इरासमस ने पीटरसन को नॉट आउट दिया था.
चैपल मानते हैं कि पोंटिंग का व्यवहार स्वीकार करने लायक नहीं था और उन्होंने सीमा पार की. उन्होंने कहा, "जब मैं खेलता था तब यह बात बिल्कुल साफ थी कि आप किसी बात पर विचार तो कर सकते हैं लेकिन बहस नहीं कर सकते. अगर मुझे फैसला करना हो तो मैं कहूंगा कि इस अपराध की सजा निलंबन होगी."
अखबार द ऑस्ट्रेलियन के मुताबिक चैपल कहते हैं कि पोंटिंग बार बार ऐसा करते हैं, इसलिए भी उनकी हरकत माफी के काबिल नहीं है. वह कहते हैं, "ऐसा नहीं है कि पोंटिंग ने पहली बार ऐसा किया. मुझे लगता है कि इसके लिए थोड़ा कसूर तो आईसीसी का भी है. अगर आपको इन चीजों को रोकना है तो तभी से कदम उठाने होंगे जब ये चीजें पहली बार होती हैं."
पोंटिंग जब पहली बार खेले थे तो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान मार्क टेलर थे. वह भी मानते हैं कि सोमवार को पोंटिंग ने अपनी हरकत से अपना ही नुकसान किया है. टेलर ने कहा, "कभी कभार खिलाड़ियों के बीच कहा सुनी होती रहती है. लेकिन आपको कहीं तो सीमा रेखा खींचनी होगी." इंग्लैंड के पूर्व कप्तान टोनी ग्रेग ने भी पोंटिंग की इस हरकत पर नाराजगी जताई है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम