पोप की शांति और भाईचारे की अपील
२४ अप्रैल २०११वैटिकन के सेंट पीटर्स स्क्वेयर पर एक लाख लोगों के सामने पोप ने अपना संदेश दिया. संदेश में पोप ने कहा, "हमारी इस दुनिया में ईस्टर की खुशियों में लोगों का दुख और विलाप भी मिला हुआ है, जो भूख, युद्ध और हिंसा जैसी दुखद स्थितियों से पैदा हो रहा है." पोप ने लीबिया, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीकी देशों में फैली अशांति के समाधान की बात कही.
चारों तरफ से मदद की अपील
पोप ने कहा कि लीबिया मुद्दे का हल हथियारों से नहीं बल्कि कूटनीति और आपसी बातचीत से ही निकल सकता है, "ईश्वर करे कि शांति और मानवीय गौरव का प्रकाश लीबिया में फैले नफरत और हिंसा के अंधकार को हटा सके." पोप ने यूरोपीय देशों से अपील की कि वो उत्तरी अफ्रीकी देशों से विस्थापित हुए लोगों को जगह दें और उनके लिए अपने दरवाजे बंद न करें. उन्होंने कहा, "तमाम अफ्रीकी देशों से जिन लोगों को अपने प्रियजनों को छोड़ कर जाना पड़ रहा है, उन सब के लिए चारों तरफ से मदद आनी चाहिए."
ट्यूनीशिया में चल रही अशांति के बीच हजारों लोगों को देश छोड़ना पड़ा है. इटली ने इन लोगों को शरण देने की बात कही है, लेकिन यूरोपीय संघ के बाकी के सदस्य इटली के फैसले से नाराज हैं, क्योंकि शेनगेन वीजा मिलने पर यह लोग पूरे शेनगेन जोन में बगैर किसी रोक टोक के आ जा सकेंगे. फ्रांस ने इटली के फैसला का कड़ा विरोध किया है. इसी पर पोप ने कहा, "लोगों को एकता का भाव दिखाते हुए दिल खोल कर उन्हें अपनाना चाहिए, ताकि उन भाइयों और बहनों की जरूरतें पूरी हो सकें."
जापान के लिए दुआ
पोप ने आइवरी कोस्ट में भी शांति की अपील की,"ईश्वर करे कि आइवरी कोस्ट के लोगों में एक बार फिर से भाईचारे की भावना आए. वहां हाल के दिनों में हुई हिंसा के घाव क्षमा भाव से ही भरे जा सकते हैं." साथ ही जापान के लिए दुआ मांगते हुए पोप ने कहा, "हाल के महीनों में कई देशों को कुदरत ने परखा है और लोगों को कष्ट और पीड़ा से गुजरना पड़ा है. ईश्वर जापान को भूकंप के बाद बने हालात से उबरने का हौसला दे."
पोप हर साल सेंट पीटर्स चर्च के बाहर ईस्टर के मौके पर उरबी एट ओरबी यानी शहर और दुनिया के नाम संदेश देते हैं. पोप बेनेडिक्ट 16वें ने छठी बार यह संदेश दिया. पोप का संदेश 65 भाषाओं में सुना जा सका. इस से पहले शुक्रवार को गुडफ्राइडे के दिन पोप ने इटली के टीवी पर एक चैट शो जैसे कार्यक्रम में दुनिया भर के लोगों के सवालों के जवाब दिए और कहा कि ईश्वर में भरोसा रखने से पूरी दुनिया के दुख दूर हो सकते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह